पाकिस्तान में हुआ जन्म,’दिल्ली के शेर के’ नाम से हुए मशहूर, आखिर कौन थे वो दिल्ली के सीएम?

Delhi Election 2025: दिल्ली के मुख्यमंत्रियों की सूची में एक ऐसे भी थे जिनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था. दिल्ली के तीसरे मुख्यमंत्री के तौर पर मदन खुराना ने पदभार संभाल था.

By Ayush Raj Dwivedi | December 26, 2024 8:18 PM
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Delhi Election 2025: दिल्ली चुनाव में इस बार बीजेपी बिना सीएम चेहरे के चुनाव में जाने वाली है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कुछ दिनों पहले ही यह घोषणा की थी कि पार्टी अगर जीतेगी तो कोई दिल्ली का मूल नागरिक ही सीएम बनेगा. लेकिन क्या आपको पता है कि एक समय बीजेपी ने पाकिस्तान में जन्म लेने वालें व्यक्ति को दिल्ली का सीएम बनाया था. जी हां मदन लाल खुराना को बीजेपी ने 1993 में प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था जो पाकिस्तान के रहने वाले थे.

पाकिस्तान में हुआ था मदन लाल खुराना का जन्म

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना का जन्म साल 1936 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था. मदन लाल खुराना 11 साल तक पाकिस्तान में ही रहे थे. बाद में वो विभाजन के बाद भारत आ गए थे. मदन लाल खुराना ने दिल्ली में ही पढ़ाई लिखाई की यहीं से अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत की. मदन लाल खुराना को दिल्ली का शेर भी कहा जाता था. साल 1996 में मदन लाल खुराना को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया था.

69वां संविधान संसोधन के बाद मिला था दिल्ली को नया सीएम(Delhi Election 2025)

आजादी के बाद 1952 में दिल्ली में पहली बार चुनाव हुआ था और फिर 1956 में दिल्ली से दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया गया। फिर साल 1991 में संविधान में 69वां संसोधन करके दिल्ली को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया. इसके बाद साल 1993 में दिल्ली विधानसभा का फिर से चुनाव हुआ और इस बार बीजेपी ने चुनाव जीत लिया। यह पहला मौका था जब पार्टी को दिल्ली में जीत हासिल हुई थी. 37 साल बाद दिल्ली को मदन लाल खुराना के नेतृत्व में नई सरकार मिली.

मदन लाल खुराना को कहा गया ‘दिल्ली का शेर’

मदन लाल खुराना ने अपनी शुरुआती पढ़ाई लिखाई दिल्ली से ही की. मदन लाल खुराना ने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से बैचलर डिग्री ली और फिर पीजी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया था. साल 1959 में वो इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ के महासचिव बने. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब बीजेपी को दिल्ली में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा तब इन्होंने पार्टी को मजबूत करने का काम किया. इसी कारण इन्हें दिल्ली का शेर कहा गया.

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