BPR&D: केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) ने बुधवार को अपना 54वां स्थापना दिवस मनाया. केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुये. उन्होंने “नये आपराधिक कानून-नागरिक केंद्रित सुधार” विषय पर डॉ.आनंद स्वरूप गुप्ता स्मृति व्याख्यान देते हुये कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये ‘पंच प्रण’ को ध्यान में रखते हुए उपनिवेशवाद की बेड़ियों को तोड़ने और अपराध की विकसित प्रकृति से निपटने के लिये नया कानून लाया गया है. उन्होंने समकालीन और प्रासंगिक न्याय प्रणाली की आवश्यकता पर बल देते हुये कहा कि नये आपराधिक कानून पीड़ित-केंद्रित हैं और इन कानूनों का उद्देश्य सजा नहीं बल्कि न्याय देना है. उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रभावी पुलिसिंग, कानून व्यवस्था और अपराधों व अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है.
नये कानून में पारदर्शिता, जवाबदेही सुनिश्चित
गृह सचिव ने नये आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताओं और विभिन्न नए प्रावधानों, विशेष रूप से नागरिक अनुकूल प्रावधानों, जैसे कि जीरो एफआईआर और ई-एफआईआर पर कहा कि नया कानून में सजा के रूप में सामुदायिक सेवा की शुरुआत और पहली बार अपराध करने वालों के प्रति उदार व्यवहार जैसे प्रावधानों को शामिल किया गया है. नये कानूनों में संगठित अपराध और आतंकवाद को परिभाषित करने की शुरुआत हुई है, नये मानदंडों को परिभाषित किया गया है, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने पर जोर दिया गया है और साक्ष्य संग्रह तथा उनकी जांच के प्रति अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण जैसे कई नये प्रावधान भी पेश किये गये हैं. गृह सचिव ने कहा कि इन कानूनों में फोरेंसिक का अधिक उपयोग, जांच प्रक्रिया डिजिटलीकरण, न्यायिक प्रक्रिया की समयसीमा निर्धारित करने के साथ ही पारदर्शिता, जवाबदेही लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के प्रावधान भी शामिल किये गये हैं.
अपराध एवं अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई आवश्यक
गृह सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रभावी पुलिसिंग, प्रभावी कानून एवं व्यवस्था तथा अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई आवश्यक है.उन्होंने कहा कि पुलिस आधुनिकीकरण एवं उन्नयन में बीपीआरएंडडी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. गौरतलब है कि बीपीआरएंडडी एकमात्र केंद्रीय पुलिस संगठन है जो अनुसंधान, आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के जरिये पुलिसिंग में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिये भारतीय पुलिस के थिंक टैंक के रूप में जाना जाता है. साथ ही यह अपनी भूमिका निभाते हुये अन्य सभी पुलिस संगठनों और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों को जोड़ने का काम भी करता है.इस अवसर पर केंद्रीय गृह सचिव ने नये आपराधिक कानूनों पर बीपीआरएंडडी के प्रमुख प्रकाशन इंडियन पुलिस जर्नल के विशेष संस्करण का विमोचन किया तथा आपराधिक कानूनों पर दूरदर्शन द्वारा निर्मित एक डॉक्यूमेंट्री भी जारी की. बीपीआरएंडडी के महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने संगठन के निरंतर सहयोग और मार्गदर्शन के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया. इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार पंकज कुमार सिंह; सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, आरपीएफ, एनएचआरसी, एनटीआरओ के महानिदेशक, एनआईए के निदेशक, एनसीआरबी के निदेशक, दिल्ली पुलिस के आयुक्त, गृह मंत्रालय के महानिदेशक सहित अन्य अधिकारी शामिल रहें.