UK Election Results: क्या कश्मीर को लेकर लेबर पार्टी के तेवर होंगे तल्ख? खालिस्तान आंदोलन को लेकर क्या रहेगा रुख
UK Election Results: लेबर पार्टी के चुनाव जीतने के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच कैसे रिश्ते होंगे. इस बात पर सबकी नजर टिकी हुई है. खासकर कश्मीर को लेकर
UK Election Results: ब्रिटेन के आम चुनाव में लेबर पार्टी ने एतिहासिक जीत दर्ज की है.. वहीं ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार मिली है. लेबर पार्टी के जीतने के बाद अब सवाल उठता है कि नई सरकार का भारत के प्रति क्या रुख होगा, खासकर कश्मीर मामले पर…वक्त के साथ लेबर पार्टी ने भारत को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव किया है. 2019 में लेबर पार्टी का भारत विरोधी रुख सामने आया था. जेरेमी कार्बिन की अगुवाई में लेबर पार्टी ने 2019 में एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप का समर्थन किया गया था.
वर्तमान में जीत दर्ज करने वाली लेबर पार्टी ने संयुक्त राष्ट्र की देख रेख में जनमत सर्वेक्षण की मांग तक कर दी थी. प्रस्ताव कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आया था. कश्मीर के साथ ही लेबर पार्टी में कुछ लोगों की राय खालिस्तान के पक्ष में नजर आती रही है. इस वजह से भारत और लेबर पार्टी के रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं.
अब कैसे हो सकते हैं भारत-ब्रिटेन के रिश्ते?
लेबर पार्टी ने अब भारत को लेकर अपनी नीतियों में बदलाव किया है. उसने माना है कि अतीत में कश्मीर के मुद्दे पर उनसे गलतियां हुई हैं. कीएर स्टार्मर भारत के साथ नई रणनीतिक साझेदारी का वादा पहले ही कर चुके हैं. भारतीय प्रवासियों के साथ रिश्ते सुधारने की पहल लेबर पार्टी कर चुकी है.
स्टार्मर चुनाव के पहले ये एलान कर चुके हैं कि अगर वह निर्वाचित होते हैं, तो वे भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाना चाहेंगे. वे कश्मीर को भारत का आंतरिक मुद्दा बता चुके हैं. उनका मानना है कि इसे दोनों पड़ोसियों द्वारा हल किया जायेगा.
क्या रहेगी कीएर स्टार्मर के समक्ष चुनौती?
कीएर स्टार्मर की नीतियां प्रवासी नीतियों और व्यापार समझौते को लेकर चुनौती पूर्ण हो सकतीं हैं. भारत अपने वर्कर्स के लिए अस्थाई वीजा की मांग कर रहा है.
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लेबर पार्टी की 1997 के बाद दूसरी सबसे बड़ी जीत
लेबर पार्टी को इस बार 412 सीटें मिली हैं. यह लेबर पार्टी के इतिहास में दूसरी सबसे बड़ी जीत है. उसे इससे पहले इतनी बड़ी जीत साल 1997 में मिली थी, जब उसने रिकॉर्ड 418 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. यह तब की बात है, जब तब टोनी ब्लेयर पार्टी सुप्रीमो थे.