लंदन/नयी दिल्ली: ब्रिटेन के सांसद फेसबुक और अन्य दिग्गज सोशल मीडिया प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर सवाल-जवाब करने के लिए तैयार हैं कि वे सोशल मीडिया कंपनियों को विनियमित करने के यूरोप के प्रयासों के बीच ऑनलाइन सुरक्षा का किस तरह संचालन करते हैं. वहीं, भारत सरकार ने नफरत फैलाने वाली सामग्री के आरोपों के बीच फेसबुक से एल्गोरिदम, प्रक्रियाओं का विवरण मांगा है.
ब्रिटिश सरकार के ऑनलाइन सुरक्षा कानून के मसौदे की पड़ताल कर रही संसदीय समिति के सदस्य फेसबुक, गूगल, ट्विटर और टिकटॉक के प्रतिनिधियों से पूछताछ करेंगे. संबंधित देशों की सरकारें सोशल मीडिया यूजर्स, विशेष रूप से युवाओं की सुरक्षा के उद्देश्य से सख्त नियम चाहती हैं, लेकिन इसमें ब्रिटेन के प्रयास बहुत आगे हैं.
ब्रिटेन के सांसद शोधकर्ताओं, पत्रकारों, तकनीकी अधिकारियों और अन्य विशेषज्ञों से ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक के अंतिम संस्करण में सुधार के बारे में सरकार को रिपोर्ट देने के लिए विमर्श कर रहे हैं. यह सुनवाई उसी सप्ताह हो रही है, जब अमेरिकी सीनेट समिति द्वारा यूट्यब, टिकटॉक और स्नैपचैट से पूछताछ की गयी है.
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फेसबुक व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन इस सप्ताह ब्रिटेन की संसदीय समिति के सामने पेश हुईं थीं. उन्होंने सदस्यों से कहा था कि कंपनी की प्रणालियां ऑनलाइन नफरत की स्थिति को और गंभीर बनाती हैं तथा समस्या को ठीक करने के लिए कंपनी द्वारा बहुत कुछ नहीं किया जाता.
इधर, भारत सरकार ने फेसबुक को पत्र लिखकर सोशल मीडिया कंपनी द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले एल्गोरिदम (Algorithm) और प्रक्रियाओं का विवरण मांगा है. यह कदम इसलिए महत्व रखता है, क्योंकि हाल ही में सामने आये फेसबुक के आंतरिक दस्तावेज बताते हैं कि कंपनी अपने सबसे बड़े बाजार भारत में भ्रामक सूचना, नफरत वाले भाषण और हिंसा पर जश्न से जुड़ी सामग्री की समस्या से पार नहीं पा सकी है.
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अमेरिकी मीडिया में आयी खबर के मुताबिक, सोशल मीडिया (Social Media) के शोधकर्ताओं ने रेखांकित किया है कि ऐसे समूह और पेज हैं, जो ‘भ्रामक, भड़काऊ और मुस्लिम विरोधी सामग्री से भरे हुए हैं.’ घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने फेसबुक को पत्र लिखकर कंपनी द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले एल्गोरिदम और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी मांगी है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने फेसबुक से उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए उठाये गये कदमों का ब्योरा भी देने को कहा है. संपर्क करने पर फेसबुक ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. इस साल की शुरुआत में भारत सरकार द्वारा उद्धृत आंकड़ों के अनुसार, देश में 53 करोड़ लोग व्हाट्सएप्प (WhatsApp Users) का, 41 करोड़ फेसबुक का और 21 करोड़ लोग इंस्टाग्राम (Instagram Users) का इस्तेमाल कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि भारत ने इस साल की शुरुआत में नये आईटी मध्यस्थ नियम लागू किये, जिसका उद्देश्य ट्विटर और फेसबुक सहित बड़ी तकनीकी कंपनियों के लिए अधिक जवाबदेही लाना है.
Posted By: Mithilesh Jha