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Budget 2021 : इस बजट को 1 से 10 के बीच आप कितने नंबर देंगे,पढ़ें एक्सपर्ट की राय और उनकी रेटिंग

इस बजट को आप कितने नंबर देंगे, अगर आप भी बजट को रेट करना चाहते हैं तो वीडियो के कमेंट बॉक्स का ऑप्शन खुला है. इस बजट को एक्सपर्ट कितने नंबर देते हैं यह भी जानना जरूरी है.

इस बजट को आप कितने नंबर देंगे, अगर आप भी बजट को रेट करना चाहते हैं तो वीडियो के कमेंट बॉक्स का ऑप्शन खुला है. इस बजट को एक्सपर्ट कितने नंबर देते हैं यह भी जानना जरूरी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में किन क्षेत्रों को राहत दी, कौन सा क्षेत्र बजट की चर्चा से रहा दूर. इस बजट से किस व्यापार क्षेत्र को लाभ मिला है. इस रिपोर्ट में आप एक्सपर्ट के जरिये बजट के हर पहलू को समझ सकेंगे. साथ ही इस एक्सपर्ट इस बजट को 1 से 10 के स्केल पर कितना रेट करते हैं यह भी देख सकेंगे.

इस बजट से आम नागरिकों के साथ व्यापारियों ने भी उम्मीद लगा रखी थी. बजट व्यापारियों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरा. झारखंड चैंबर अध्यक्ष के अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा हमने बजट को जब रेट करने के लिए कहा तो इन्होंने बजट को 10 में से छह नंबर दिये

कोरोना के बजट के बाद जो बजट होना चाहिए था. सरकार सभी सेक्टर पर ध्यान दे रही है. महत्वपूर्ण सेक्टर पर खर्च की बात कही गयी है. बजट के अंदर सभी सेक्टर के लिए कुछ ना कुछ है. अगर इसे उद्योग औऱ व्यापार के क्षेत्र में देखें तो इस बजट में एमएसएमी के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया. नये एमएसएमपी पर हमें कम ब्याज दर में ऋृण की उम्मीद थी. ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहित किये जाने की उम्मीद थी जिसमें ज्यादातर मजदूर काम करते हैं.

केंद्र सरकार जितनी भी योजनाओं के जरिये मौका दे रहा है उसके लिए राज्य सरकार को भी कोशिश करनी होगी. हम चाहते हैं कि ऐसी योजनाओं में खर्च होने वाला बड़ा हिस्सा हमारे राज्य में भी आये. इस बजट में स्वास्थ्य औऱ शिक्षा पर फोकस किया गया है. इन क्षेत्रों के अंदर जितने भी व्यापार है उन्हें फायदा मिलेगा

इस बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए क्या है ? इसे समझने की कोशिश की हमने झारखंड चैंबर के पूर्व अध्यक्ष दीपक मारू से. हमने जब इनसे कहा कि आप अपने क्षेत्र के उम्मीदों के हिसाब से इस बजट को रेट करें तो इन्होंने कहा, मैं अपने क्षेत्र के आधार पर तो नंबर नहीं दे सकूंगा क्योंकि हमें बहुत निराशा हुई है. अगर आप मुझे संपूर्ण बजट के आधार पर पूछेंगे तो 6 या 6.5 दूंगा.

अगर इस बजट को हम झारखंड बिहार के नजरिये से देखें तो हमें कुछ नहीं मिला. अब हमें केंद्र का जो फंड आया है उस पर फोकस करना होगा. हम जैसे संगठन को और सरकार को ध्यान देना होगा. राज्य को रणनीति बनानी होगी.

मैं एमएसएमई के क्षेत्र के आधार पर कहूं तो हमें उम्मीद थी कि इस बुरे वक्त के बाद सरकार हम पर ध्यान देगी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं है. एमएसएमई के बारे में सरकार यह मानती है कि हम अर्थव्यस्था की रीड़ है. बजट में हमारे नाम से कुछ खास नहीं किया गया. उन्हें हमारे लिए कुछ करना चाहिए था.

इस बजट में खुदरा व्यापार से जुड़े लोगों को क्या मिला ? इस क्षेत्र के लिए इस बजट में क्या था यह समझने की कोशिश की हमने संजय अखोरी से उन्होंने कहा, हमारे क्षेत्र को इस बजट से कुछ नहीं मिला है. मैं इसपर रैकिंग नहीं करना चाहता. मैं यह दर्शकों पर छोड़ता हूं कि वह इस बजट को कितना नंबर देना चाहते हैं.

संजय अखोरी ने कहा इस बजट से अर्थव्यस्था को मरहम लगाया गया है. कोरोना के वक्त जिस तरह से हमारी अर्थव्यस्था खराब हुई , जीडीपी गिरी अगले साल तक इसे रिकवर करना जरूरी था. लंबे वक्त के लिए यह बजट फायदेमंद होगा. बजट में आयकर में भी कोई छूट नहीं मिली है. रिटेल के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं है.

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कोरोना की वजह से हमारे क्षेत्र में भी परेशानी थी लेकिन इस बजट में कुछ खास नहीं हुआ. एनपीए के लिए एक कमेटी बनी है इससे व्यापार में जरूर फायदा होगा. एनपीए का असर अच्छे व्यापारियों पर भी पड़ रहा था इससे फायदा होगा. हमारा व्यसाय ऑनलाइन से भी त्रस्त है हमें उम्मीद थी कि इस पर कोई फैसला होगा.

बजट में आयकर में छूट की उम्मीद थी. बजट में सरकार ने इस पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया. हमने आयकर और शेयर बाजार को समझने की कोशिश की शंशाक भारद्वाज से. इस बजट को उन्होंने 9 नंबर दिया है.

शशांक भारद्वाज ने कहा, उम्मीद हर बजट से टैक्स में कटौती की होती है. फैशन सा हो गया है कि बजट में टैक्स कटौती की मांग हो जाती है. इससे बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता है. बजट का असल उद्देश्य होता है निवेश बढ़ाना और आय बढ़ाना. सरकार इसी दिशा में काम कर रही है. वित्त मंत्री ने कहा था कि ऐसा बजट कभी नहीं आया ऐसा इसलिए था क्योंकि 9.5 फीसद राजकोषीय घाटा हुआ.

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सरकार ने अब तय कर लिया है कि विकास उसकी प्राथमिकता है. सरकार व्यापार को सरल करने के लिए काम कर रही है. यह स्वागत योग्य कदम है. इस घाटे के बाद बाजार बढ़ना कठिन माना जा सकता है. सरकार ने खर्च में कमी ना करके यह संकेत दे दिया है कि हम बाजार को पैसा देंगे. शेयर बाजार में अरबों का निवेश रहता है. अगर आज बाजार तेज है तो इसका अर्थ है कि बजट अच्छा है.

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