Budget 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतीरमण द्वारा कल पेश किये गये बजट से स्टील मेकिंग कंपनियां निराश हैं. स्टील उत्पादन से जुड़ी कंपनिया मोदी सरकार द्वारा पेश किये गये बजट में स्टील प्रोडक्ट कस्टम ड्यूटी 7.5 किये जाने पर निराशा व्यक्त की है. स्टील उत्पादन से जुड़ी कंपनिया ने कहा है कि बजट में की गयी इस घोषणा से चीन और इंडोनेशिया (China and Indonesia) को फायदा मिलेगा. सरकार के इस फैसले पर यह आंशका भी जतायी जा रही है कि भारत में स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel) के फ्लैट उत्पादों के आयात के द्वार खोल दिए हैं.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट पेश किरते हुए कहा कि बजट में स्टील प्रोडक्ट पर कस्टम ड्यूटी 7.5 परसेंट कर दिया गया है. मोबाइल उपकरण पर कस्टम ड्यूटी बढ़कर 2.5 फीसदी कर दी गई है. वहीं स्टील उपकरण पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 7.5 फीसदी की गई है जिससे स्टील के सामान अब सस्ते हो जाएंगे. कॉपर पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 2.5 फीसदी की गई है.
सरकार के इस फैसले पर देश के स्टेनलेस स्टील उत्पादकों के संगठन इंडियन स्टेवलेस स्टील एसोसिएशन के अध्यक्ष ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि बजट में इस प्रवधान से सरकार ने घरेलू उद्योगों की अनदेखी की है. उन्होंने कहा कि अस्थाई तौर पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी स्थगित करने की घोषणा कर, चीन और इंडोनेशिया में तैयार स्टेनलेस-स्टील उत्पादों के आयात को हरी झंडी दे दी है.
देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए मार्च 2022 तक देश में 8,500 किमी के हाइवे प्रोजेक्ट का आवंटन किया जायेगा. शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के लिए 18,000 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की. गडकरी ने कहा था कि उनके मंत्रालय का मार्च तक प्रतिदिन 40 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है. पांच साल में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) का लक्ष्य 60,000 किमी के हाइवे तैयार करने का है जिसमें 2,500 किमी एक्सप्रेस हाइवे होंगे. इनमें 9,000 किमी के आर्थिक गलियारे और 2,000 किलोमीटर की सामरिक सीमा और तटवर्ती सड़कें होंगी.
बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए सीतारमण ने पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करते हुए इसे अगले वित्त वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया. प्रमुख मंत्रालयों के तहत 1.10 लाख करोड़ की लगभग 217 प्रोजेक्ट पूरी की जा चुकी हैं. यह 2020-21 के बजट अनुमानों से 34.5% अधिक है.