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Budget 2021: देश की संपत्ति पूंजीपति मित्रों के हवाले करने की योजना, रक्षा बजट क्यों नहीं बढ़ा? राहुल गांधी का सवाल

Budget 2021 नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा बजट पेश किये जाने के बाद आरोप लगाया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को ‘अपने पूंजीपति मित्रों' को सौंपने की है. उन्होंने चीन के साथ सीमा पर गतिरोध का हवाला देते हुए सवाल किया कि आखिर रक्षा बजट में बढ़ोतरी क्यों नहीं की गई? जबकि चीन हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर बैठा हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2021 9:15 PM
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Budget 2021 नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा बजट पेश किये जाने के बाद आरोप लगाया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को ‘अपने पूंजीपति मित्रों’ को सौंपने की है. उन्होंने चीन के साथ सीमा पर गतिरोध का हवाला देते हुए सवाल किया कि आखिर रक्षा बजट में बढ़ोतरी क्यों नहीं की गई? जबकि चीन हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर बैठा हुआ है.

राहुल ने ट्वीट किया, ‘चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और हमारे सैनिकों की हत्या कर दी. आखिर रक्षा बजट में बढ़ोतरी क्यों नहीं की गई? राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘सरकार लोगों के हाथों में पैसे देने के बारे में भूल गई. मोदी सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है.’ कांग्रेस नेता ने बजट पेश किए जाने से पहले कहा था कि बजट में छोटे एवं मझोले कारोबारियों की मदद करने के साथ स्वास्थ्य और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी किये जाने की जरूरत है.

राहुल गांधी ने बजट पेश किये जाने से पूर्व कहा कि बजट -2021 में एमएसएमई, किसानों और कामगारों की मदद की जानी चाहिए ताकि रोजगार का सृजन हो सके. कांग्रेस नेता ने कहा कि लोगों का जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च बढ़ाया जाए. सीमाओं की सुरक्षा के लिए रक्षा खर्च में बढ़ोतरी हो. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट पेश किया.

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बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किये गये आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए आंशिक वृद्धि करते हुए 4.78 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया, जबकि पिछले साल रक्षा क्षेत्र को 4.71 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. बजट में यह बात भी सामने आई है कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ गतिरोध के मद्देनजर सैन्य बलों ने अतिरिक्त 20,776 करोड़ रुपये सैन्य सामान खरीदने में खर्च किये.

बजट दस्तावेजों के मुताबिक रक्षा सेवाओं में 2020-2021 के लिए संशोधित पूंजीगत व्यय 1,34,510 करोड़ रुपये था जबकि बजटीय आवंटन 1,13734 करोड़ रुपये का था. भारतीय सैन्य बलों ने चीन के साथ गतिरोध के मद्देनजर कई देशों से हथियार व अन्य सैन्य साजो सामान खरीदे थे. वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित पूरी राशि में 1.35 लाख करोड़ रुपये पूंजी परिव्यय के रूप में नये हथियारों, विमानों, युद्धपोतों और अन्य सैन्य साजोसामान खरीदने के लिए अलग से रखा है.

Posted By: Amlesh Nandan.

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