प्रो अरविंद मोहन (अर्थशास्त्री) : चूंकि यह अंतरिम बजट है, ऐसे में टैक्स स्लैब में बदलाव अपेक्षित नहीं था. आमतौर पर इस तरह की घोषणा अंतरिम बजट में नहीं की जाती है. मेरे हिसाब से इस बजट में जो महत्वपूर्ण बात है, वह है कि यहां एक दृष्टि देने की कोशिश की गयी है. इसमें दो-तीन चीजें दिख रही हैं, जो बहुत महत्वपूर्ण लग रही हैं. पहला, रेलवे सेक्टर में तीन फ्रेट कॉरिडोर बनाने की बात की गयी है. पहला कॉरिडोर होगा एनर्जी के लिए, दूसरा होगा मिनरल्स के लिए और तीसरा होगा सीमेंट के लिए. बजट में तीन फ्रेट कॉरिडोर बनाने की बात अत्यंत महत्वपूर्ण है. ऐसा इसलिए क्योंकि आज की तारीख में भारत और पूरी दुनिया के लिए ऐसा करना बहुत जरूरी है. कोविड के समय जिस तरह भारत समेत दुनियाभर में आपूर्ति शृंखला में बाधा पहुंची, भारत में तो लॉजिस्टिक को लेकर पहले से ही चुनौतियां रही हैं, उस परिप्रेक्ष्य में यह एक अच्छा कदम माना जायेगा. जी-20 में जो घोषणाएं हुईं, उसमें भी विशेष रूप से यूरोप से भारत तक कॉरिडोर बनाने की बात हुई है जिसमें एयर, रोड, रेलवे सब शामिल होंगे.
यदि आप कॉरिडोर की घोषणा को इससे जोड़कर देखते हैं, तो निश्चित तौर पर यह एक बदलाव लाने वाला कदम हो सकता है. यह देश के विकास को, देश के भविष्य को दिशा दे सकता है. परंतु इस पर अभी अधिक टिप्पणी करना इसलिए उचित नहीं होगा, क्योंकि अभी सिर्फ एक विजन है. यहां पर अभी किसी तरह के आवंटन, या वास्तव में सरकार क्या करने जा रही है, इसकी बात नहीं की गयी है. जुलाई में जब मुख्य बजट आयेगा, उसमें वास्तव में सरकार की प्राथमिकता क्या है, आवंटन के साथ निजी क्षेत्र के साथ वह किस तरह की साझेदारी करने जा रही है, इस बारे में जब सारी बातें सामने आयेंगी, तब ज्यादा चीजें समझ में आयेंगी. लेकिन एक विजन के तौर पर यह अच्छा लग रहा है.
दूसरी जो सरकार ने बहुत महत्व की बात की है, वह वित्त मंत्री की यह घोषणा है कि वह मुख्य बजट, यानी जुलाई में सभवत: जो बजट आयेगा, उसमें सरकार एक विजन डॉक्यूमेंट लेकर आयेगी कि विकसित भारत के लिए रोडमैप क्या होना चाहिए. क्योंकि हम यह मानकर चल रहे हैं कि 2047 में हमारा देश विकसित देश हो जायेगा. यदि वह रोडमैप आता है, तब हमें संभवत: यह स्पष्ट रूप से समझ आयेगा कि 2047 में हम भारत को कहां देख रहे हैं. और 2047 के लिए रास्ता क्या होगा, किस तरह हम वहां पहुंचेंगे. तीसरी जो बात महत्वपूर्ण लग रही है, वह है ग्रामीण विकास को लेकर सरकार द्वारा की गयी घोषणा. पहला है, मत्स्य का. दूसरा है दुग्ध उत्पादन का. भारतीय कृषि की जो प्रकृति है आज की तारीख में, उसे देखते हुए दोनों क्षेत्रों को बढ़ावा देने की बात करना बहुत महत्वपूर्ण है. साथ ही तिलहन के लिए भी शोध और उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही गयी है, जो भारत के लिए एक प्रमुख चुनौती है, क्योंकि भारत बड़े पैमाने पर इसका आयात करता है. तो ग्रामीण विकास पर भी सरकार का ध्यान है.
यह बजट एक अच्छा विजन तैयार कर रहा है. सरकार जो कह रही है, यदि वह वाकई उस दिशा में आगे बढ़ने का प्रयास करती है, तो यह एक अच्छी कोशिश होगी. यानी, सरकार ने जो कहा है, यदि उसी दिशा में मुख्य बजट में आवंटन की घोषणा होती है और यह दृष्टिकोण दिखाई पड़ता है कि कैसे आगे बढ़ा जायेगा, तो यह एक अच्छा कदम माना जायेगा. केवल सरकार के खर्च करने से सारी चीजें बदलने वाली नहीं हैं. यहां हम विभिन्न हितधारकों को अपने साथ कैसे लेकर आयेंगे, वह रोडमैप, वह योजना क्या है, जब ये सारी चीजें बजट में दिखेंगी, तभी संभवत: हम समझ पायेंगे कि यह बजट हमें उस दिशा में कितना ले जा रहा है.
(ये लेखक के निजी विचार हैं.)
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