4 करोड़ लोग हवा में भरेंगे उड़ान… 540 करोड़ होगा खर्च
Budget 2025: आज केंद्रीय बजट में उड़ान योजना को लेकर बड़ी घोषणा की गई है. इस योजना के तहत इस बार 120 नए छोटे- छोटे शहरों को जोड़ा जाएगा.
Budget 2025: केंद्रीय बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने के लिए ‘उड़ान योजना’ के संशोधन की घोषणा की. इस योजना के तहत अगले 10 वर्षों में 120 नए शहरों को जोड़ा जाएगा. जिससे हवाई यात्रा की पहुंच और भी अधिक लोगों तक पहुंचेगी.
नए लक्ष्यों के साथ उड़ान योजना
आज के बजट में 10 वर्षों में 120 नए डेस्टिनेशन जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है इस योजना के तहत विशेष ध्यान पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों पर दिया जाएगा, जहां हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों का विकास किया जाएगा. इसके अलावा, बिहार में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डों का निर्माण किया जाएगा और पटना हवाई अड्डे और बिहटा के ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे की क्षमता का विस्तार भी किया जाएगा.
पहली उड़ान योजना और अब का विस्तार
‘उड़ान योजना’ की शुरुआत अक्टूबर 2016 में की गई थी, जिसका उद्देश्य हवाई सफर को आम लोगों तक पहुंचाना और हवाई नेटवर्क का विस्तार करना था. योजना के तहत 500 किलोमीटर तक के हवाई किराए को सीमित करने और प्रदेशों के छोटे-छोटे शहरों तक विमान सेवा को पहुंचाने का लक्ष्य था। अब, संशोधित ‘उड़ान योजना’ के तहत नए हवाई अड्डों का निर्माण किया जाएगा और 619 रूटों को क्रियाशील किया जाएगा। इस विस्तार से लगभग हर तीसरे शहर तक विमान सेवा पहुंचेगी, जिससे यात्रा सस्ती और सुलभ होगी.
‘उड़ान योजना’ का अब तक का सफर
वित्त मंत्री ने कहा कि ‘उड़ान योजना’ ने 1.5 करोड़ मध्यम वर्गीय लोगों को तेज़ यात्रा की अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर दिया है. इस योजना के तहत अब तक 88 हवाई अड्डों और बंदरगाहों को जोड़ा जा चुका है और 698 मार्गों को चालू किया गया है. इससे हवाई यात्रा अधिक सुलभ और सस्ती हुई है, खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में इससे लाभ मिला है.
पिछले साल से कम हुआ ‘उड़ान’ का बजट
एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए कुल आवंटन में से ‘उड़ान’को 540 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो कि एक पिछले साल के 800 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 32 प्रतिशत कम है. बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2025-26 के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के लिए आवंटन मामूली रूप से बढ़ाकर क्रमशः 330 करोड़ रुपये और 95 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
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