Budget 2025: महिला, किसान, युवा और गरीब को साधने की हुई है कोशिश

विपक्ष की जातिगत जनगणना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में सिर्फ चार जाति गरीब, महिला, युवा और किसान हैं. विपक्ष की जातिगत जनगणना की मांग का लोकसभा चुनाव परिणाम पर असर हुआ और भाजपा अकेले दम पर केंद्र की सत्ता पर काबिज नहीं हो पायी.

By Anjani Kumar Singh | February 1, 2025 6:18 PM
an image

Budget 2025: देश में विपक्ष की ओर से जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग हो रही है. वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की मांग को एक प्रमुख मुद्दा बनाने की कोशिश की. कई क्षेत्रीय दल भी इस मांग के साथ रहे हैं. विपक्ष की जातिगत जनगणना की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश में सिर्फ चार जाति गरीब, महिला, युवा और किसान हैं. विपक्ष की जातिगत जनगणना की मांग का लोकसभा चुनाव परिणाम पर असर हुआ और भाजपा अकेले दम पर केंद्र की सत्ता पर काबिज नहीं हो पायी. इस परिणाम के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव में भी जातिगत जनगणना की मांग को प्रमुखता से उठाया. लेकिन कांग्रेस को दोनों राज्यों में करारी हार का सामना करना पड़ा.

इस हार के बाद भी कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव में जातिगत जनगणना कराने का वादा किया है. कांग्रेस का मानना है कि जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाकर वह समाज के पिछड़े वर्ग के बड़े तबके का समर्थन हासिल कर सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस और विपक्ष की इस रणनीति को समझते हुए महिला, युवा, किसान और गरीब को साधने में जुटे हुए है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश केंद्रीय बजट में इस वर्ग को साधने के लिए कई अहम घोषणा की गयी है. न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने की मांग किसान काफी समय से कर रहे हैं. सरकार की ओर से कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर इस वर्ग को साधने की कोशिश की गयी. सरकार का साफ मानना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देना संभव नहीं है और अगर ऐसा किया भी किया तो इससे देश के आम किसानों को विशेष लाभ नहीं होगा. 


किसान, महिला, युवा और गरीब पर रहा विशेष फोकस

जातिगत जनगणना की काट के लिए बजट में किसान, युवा, महिला और गरीबों को साधने के लिए कई अहम घोषणा की गयी. किसानों के लिए प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना शुरू की जाएगी. देश के 100 जिलों में दलहन उत्पादन करने वाले किसानों को इस योजना के तहत मदद दिया जायेगा. साथ ही कपास का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए पांच साल तक मिशन चलाने का फैसला किया गया है. इस मिशन से गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना जैसे राज्यों के कपास उत्पादक किसानों को फायदा होगा. इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये अब किसानों को तीन लाख की बजाय पांच लाख का कर्ज मुहैया कराने की घोषणा की गयी है. इससे देश के करोड़ों किसानों को फायदा होने की संभावना है.

युवाओं को साधने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, आईआईटी का विस्तार, मेडिकल की सीट 75 हजार बढ़ाने, कौशल विकास को प्राथमिकता, स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए किताबें डिजिटली उपलब्ध कराने, स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड की सुविधा देने का वादा किया गया है. महिलाओं के लिए सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र और पोषण योजना को बढ़ावा देने के साथ महिला स्वयं सहायता समूह को बढ़ावा देने की घोषणा की है. बजट के जरिये मोदी सरकार ने समाज के हर वर्ग को साधकर विपक्ष के जाति वाली राजनीति को कमजोर करने का प्रयास किया है. 

Exit mobile version