Budget Session 2023: अडाणी ग्रुप से जुड़े विवाद पर विपक्ष सरकार को घेरने में जुटा है. इसी कड़ी में संसद के बजट सत्र के चौथे दिन आज शुक्रवार को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया, जिससे संसद नहीं चल पाई. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसद नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे. इस दौरान, विपक्षी सदस्यों ने ‘वी वांट जेपीसी’ के नारे लगाए. हंगामे और नारेबाजी के बीच स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की कोशिश की. स्पीकर ने प्रश्नकाल की शुरुआत भी कर दी. एक सवाल भी पूछा गया और स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने इसका जवाब भी दिया. लेकिन, विपक्षी सांसद नारेबाजी करते रहे. लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई.
इधर, राज्यसभा में भी विपक्षी दलों के सांसद नारेबाजी करते हुए कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा करने लगे. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया. बताते चलें कि संसद की कार्यवाही के चौथे दिन आज राज्यसभा में 37 निजी विधेयक पेश होने हैं. छह निजी विधेयकों पर विचार कर इन्हें पारित किया जाना है. राज्यसभा में गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के दौरान कई निजी विधेयक भी पेश किए जाएंगे.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है. जबकि, कांग्रेस सांसद मणिकराम टैगोर ने भी निचले सदन में अडानी एंटरप्राइजेज के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. वहीं, अडाणी एंटरप्राइजेज के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा के लिए बीआरएस सांसद के केशव राव ने नियम 267 के तहत राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया. इसके साथ ही, राज्यसभा में ही शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने नियम 267 के तहत एलआईसी, एसबीआई इत्यादि की होल्डिंग्स के ओवरएक्सपोजर से जुड़ी रिपेार्ट्स पर तत्काल चर्चा की मांग रखी है.
गुरुवार को भी संसद में पूरा विपक्ष हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर अडानी ग्रुप पर आक्रामक रहा. विपक्षी सदस्यों ने अडानी मामले पर चर्चा को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया, जिसके बाद दोनों सदनों को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. विपक्ष अडानी ग्रुप से जुड़ी हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा कराने की और ग्रुप की कारोबारी प्रक्रियाओं की जांच कराने की मांग कर रहे थे. उधर, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को कई विपक्षी दलों के नेताओं की मौजूदगी में विजय चौक पर अडानी मामले की आम लोगों, एलआईसी और एसबीआई के हितों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की.