Delhi-Varanasi Bullet Train: मुंबई और अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के गृह राज्य गुजरात (Gujarat) के बाद अब उनका संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) भी बुलेट ट्रेन से जुड़ जायेगा. सितंबर तक दिल्ली-वाराणसी (Delhi-Varanasi Bullet Train) रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने के लिए बनायी जा रही फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (Delhi-Varanasi Bullet train DPR) तैयार हो जायेगी. बुलेट ट्रेन चलाने वाली संस्था नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने यह जानकारी दी है.
नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (National High Speed Rail Corporation Ltd) ने कहा है कि दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर वाराणसी तक का रूट करीब 865 किलोमीटर का होगा. दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर (Delhi-Varanasi Corridor) पर कुल 12 स्टेशन हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से शुरू होकर नोएडा के रास्ते मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही और वाराणसी तक ट्रेन चलेगी.
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस कॉरिडोर पर एलीवेटेड लाइन पर बुलेट ट्रेन (Bullet Train) चलेगी. इसकी ऊंचाई करीब 10 मीटर होगी. एलीवेटेड लाइन पर चलने वाली यह ट्रेन रामलला की नगरी अयोध्या (Ayodhya) से होकर भी गुजरेगी. 865 किलोमीटर की यह यात्रा करीब 4 घंटे में पूरी हो जायेगी, ऐसा बताया जा रहा है.
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दिल्ली से चलने वाली इस बुलेट ट्रेन का पहला स्टेशन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का नोएडा हो सकता है. नोएडा के सेक्टर-144 (Noida Sector-144) पहला स्टेशन होगा, जहां सराय काले खां से चलने के बाद यह ट्रेन रुकेगी. बुलेट ट्रेन का दूसरा पड़ाव जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) हो सकता है.
पूरे देश में करीब 6 रूट हैं, जिस पर बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है. जिन रूटों पर सर्वे का काम चल रहा है, वे इस प्रकार हैं-
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वाराणसी-हावड़ा (760 किलोमीटर)
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मंबई-नागपुर (753 किलोमीटर)
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दिल्ली-अहमदाबाद (866 किलोमीटर)
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चेन्नई-मैसूर (435 किलोमीटर)
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दिल्ली-अमृतसर (459 किलोमीटर)
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मुंबई-हैदराबाद (711 किलोमीटर)
उल्लेखनीय है कि 29 अक्टूबर, 2020 को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर की अंतरिम डीपीआर सौंपी थी. इस कॉरिडोर के फाइनल डीपीआर पर जनवरी, 2021 में काम शुरू हुआ. सितंबर में इसके पूरा हो जाने की उम्मीद जतायी जा रही है. इस विस्तृत रिपोर्ट में क्षेत्र की जनसंख्या, बुलेट ट्रेन के लिए ट्रैफिक, फुट-फॉल का भी जिक्र किया जायेगा.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड भारत सरकार और उस राज्य सरकार का संयुक्त उपक्रम है, जिस राज्य में बुलेट ट्रेन का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाना है. केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम कर रही हैं, ताकि लोगों को यात्रा करने में सहूलियत हो और वे कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच सकें.
Posted By: Mithilesh Jha