Bulli Bai App केस में उत्तराखंड से तीसरी गिरफ्तारी, पुलिस ने जताई और लोगों के शामिल होने की आशंका
Bulli Bai App केस में मुंबई पुलिस ने उत्तराखंड से 21 वर्षीय मयंक रावल को गिरफ्तार किया है. मयंक लगातार श्वेता सिंह और विशाल कुमार झा के साथ संपर्क में था. वहीं, पुलिस अधिकारियों ने इस केस में अन्य लोगों के भी शामिल होने की आशंका जताई है.
Bulli Bai App के जरिए मुस्लिम महिलाओं की निलामी और अभद्र बातें लिखने के आरोप में बुधवार को मुंबई पुलिस ने तीसरी गिरफ्तारी की है. पुलिस अधिकारियों की टीम ने उत्तराखंड से एक आरोपी को पकड़ा है, जिसकी पहचान 21 वर्षीय मयंक रावल के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि मयंक रावल, श्वेता सिंह और विशाल कुमार झा के साथ संपर्क में था. तीनों मिलकर ही मुस्लिम महिलाओं की फोटो को एडिट करते थे और उसे बुली बाई ऐप पर डालते थे. बता दें कि श्वेता सिंह को इस केस का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.
मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि बुली बाई ऐप मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें विशाल कुमार झा और श्वेता सिंह शामिल हैं. तीसरा आरोपी श्वेता का दोस्त है. उन्होंने आशंका जताई है कि इस मामले में कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं. वहीं, तीनों की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने बताया कि इन लोगों को अलग-अलग जगहों से पकड़ा गया है और कुछ स्थानीय अधिकारियों ने इसके बारे में कुछ जानकारी दी है, जिसकी आवश्यकता नहीं थी.
Bullibai क्यों आया चर्चा में?
मुस्लिम महिलाओं के सोशल मीडिया हैंडल से फोटो को डाउनलोड करके इस प्लैटफॉर्म पर नीलामी के लिए पोस्ट की जा रही थीं. माना तो यह भी जा रहा है कि इसके जरिये मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा था. जानकारी के लिए बता दें कि यह एक एप्लिकेशन है जिसे Bullibai.github.io पर होस्ट किया गया था. इसके जरिये मुस्लिम महिलाओं की कथित तौर पर सौदेबाजी हो रही थी. केंद्र सरकार के दखल के बाद अब इस ऐप को हटा लिया गया है.
बता दें कि बुली बाई एप पर टारगेट करके 100 से अधिक प्रभावशाली महिलाओं की तसवीर अपलोड की गयी और उन्हें अपमानित करने के लिए उनकी बोली लगायी गयी. पिछले साल ऐसा ही एक मामला सुल्ली डील्स पर पर सामने आया था. गौरतलब है कि दोनों विवादित वेबसाइट का डेवलपर एक ही है जिसका नाम गिटहब है.
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बुल्ली बाई ऐप सुल्ली डील्स की तरह
बुल्ली बाई ऐप के काम करने का तरीका बिल्कुल सुल्ली डील्स की तरह है. ऐप को खोलने पर एक मुस्लिम महिला की तस्वीर बुली बाई के तौर पर सामने आती है. ट्विटर पर ज्यादा फॉलोअर्स वाली मुस्लिम महिलाएं जिनमें पत्रकार भी शामिल हैं, उन्हें चुन कर उनकी तस्वीरें अपलोड की गई हैं. पिछले साल सुल्ली डील्स में मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों के दुरुपयोग के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कुछ शिकायतें दर्ज की गई थीं. बुल्ली बाई की ही तरह सुल्ली डील्स को भी गिटहब प्लैटफाॅर्म पर पेश किया गया था.