Bulli Bai और Sulli Deals ऐप के जरिए मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाले दो मुख्य आरोपी को कोर्ट से राहत मिली है. आरोपी नीरज बिश्नोई, ओंकारेश्वर ठाकुर को मानवीय आधार पर कोर्ट से जमानत मिली है. दिल्ली की एक अदालत ने मानवीय आधार पर दोनों को जमानत दे दी है. कोर्ट का कहना है कि, आरोपियों ने पहली बार कोई अपराध किया है. ऐसे में लगातार जेल में रहना उनकी समग्र भलाई के लिए हानिकारक होगा.
इस मामले में कोर्ट ने कहा है कि अब यह केस जिस स्तर पर है उसमें दोनों केस के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकते. जाहिर है अदालत ने दोनों आरोपी को बेल तो दे दी है. लेकिन उसके ऊपर सख्त शर्तें लगाई हैं. वे न तो किसी गवाह को डरा-धमका सकते हैं. और न ही सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं.
अदालत ने क्या-क्या लगाई हैं शर्तें: अदालत ने कहा है कि, आरोपी व्यक्ति किसी भी पीड़ित से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेगा. कोर्ट ने अपने निर्देश में साफ कहा है कि, आरोपी व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, जांच अधिकारी को अपना संपर्क विवरण प्रदान करेगा और अपना फोन चालू रखेगा. इसके अलावा आरोपी देश छोड़कर किसी और देश नहीं जाएगा. जब भी कोर्ट की तारीख होगी आरोपी अपनी हाजिरी लगाएंगे. आरोपी कोई गैर कानूनी काम नहीं करेंगे.
गौरतलब है कि बुली बाई ऐप के जरिए वैली मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा था, जो सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहती थी. वैसी महिलाओं के बारे में ऐप के जरिए गलत जानकारियां फैलाने के साथ-साथ उनकी ऑनलाइन बोली भी लगाई जा रही थी.
2022 में मामला सामने आने के बाद पुलिस ने इस पर कार्रवाई की. इस मामले में एक के बाद एख 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.
इस मामले में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी बेंगलुरु से कुमार विशाल नाम के 18 वर्षीय छात्र के रूप में की थी. इसके बाद पुलिस ने उत्तराखंड से श्वेता अनंतपाल सिंह को गिरफ्तार किया. तीसरी गिरफ्तारी मयंक प्रदीप सिंह रावत के रूप में हुई. इसे भी उत्तराखंड से ही गिरफ्तार किया गया. असम से बिश्नोई रो गिरफ्तार किया गया. अंत में मध्यप्रदेश से ओंकारेश्वर ठाकुर को पकड़ा गया.
Posted by: Pritish Sahay