MP Chunav 2023 : ‘सागर’ मंथन में किसकी होगी जीत! मोदी के बाद खरगे के दौरे के क्या हैं मायने, जानें समीकरण
MP Chunav 2023 : बुंदेलखंड की बात करें तो इस इलाके में सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह और पन्ना जिले शामिल हैं, जिनमें 26 विधानसभा सीटें हैं. वोटरों को रिझााने पीएम मोदी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पहुंच रहे हैं इलाके में
MP Chunav 2023 : मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मंगलवार को मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र आ रहे हैं जिसकी तैयारियां चल रही है. सागर में कांग्रेस अध्यक्ष एक जनसभा को संबोधित करेंगे. आपको बात दें कि प्रदेश में कुछ माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रकोष्ठ के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने जनसभा को लेकर जानकारी दी और कहा कि पार्टी अध्यक्ष खरगे मंगलवार दोपहर को एक बैठक को संबोधित करने वाले हैं. खरगे सुबह भोपाल पहुंचेंगे और फिर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के साथ सड़क मार्ग से सागर जाएंगे.
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे 13 अगस्त को सागर में एक रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया. यहां चर्चा कर दें कि 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसूचित जाति के लिए पूजनीय संत रविदास के 100 करोड़ रुपये के स्मारक-मंदिर की आधारशिला रखी थी और सागर में एक जनसभा को संबोधित किया था.
बुंदेलखंड की बात करें तो इस इलाके में सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह और पन्ना जिले शामिल हैं, जिनमें 26 विधानसभा सीटें हैं. पिछले चुनाव की बात करें तो इन सीटों में से 15 सीट बीजेपी के खाते में गयी थी जबकि कांग्रेस को नौ और सपा व बसपा को एक-एक सीट मिली थी. सागर जिले में बीजेपी ने आठ में से छह सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को केवल दो सीटों पर सफलता मिली थी.
Also Read: बिहार और उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक क्यों पहुंचे मध्य प्रदेश? जानें विधानसभा चुनाव को लेकर क्या है रणनीतिदलितों की आबादी 1.13 करोड़
2011 की जनगणना पर गौर करें तो मध्य प्रदेश में दलितों की आबादी 1.13 करोड़ थी. 2018 के चुनावों में ब ने मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 35 सीटों में से 18 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 17 सीटें मिलीं, जो 2013 के चुनाव की तुलना में 13 अधिक थीं. मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने दलित वोटों के मद्देनजर सतना के मैहर शहर में संत रविदास का एक मंदिर बनवाया. यह विंध क्षेत्र का हिस्सा है जो उत्तर प्रदेश के साथ सीमा साझा करता है.
15 फीसदी मतदाता अनुसूचिज जाति वर्ग के
मध्य प्रदेश में 15 फीसदी मतदाता अनुसूचिज जाति वर्ग के हैं जिसे अपने पक्ष में करने का प्रयास कांग्रेस और बीजेपी कर रही है. प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीट में से 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं, वहीं 20 सीट से भी अधिक पर अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं का प्रभाव नजर आता है. यही वजह है कि आदिवासी वर्ग के बाद बीजेपी और कांग्रेस अनुसूचित जाति वर्ग पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.
Also Read: मध्य प्रदेश: मामा ने भांजे-भांजियों को बहुत धोखा दिया, अब आपका चाचा आ गया है, जानें क्या बोले अरविंद केजरीवाल2018 के चुनावों में कांग्रेस को मिली थी जीत
2004 से 2014 तक केंद्र में शासन करने वाली कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील (यूपीए) सरकार ने बुंदेलखंड के लिए 8,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी. उल्लेखनीय है कि 2018 के चुनावों में, कांग्रेस ने 230 सदस्यीय सदन में 114 सीटें जीतने के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई थी. महज 109 सीटें जीतने के बाद बीजेपी सत्ता से बाहर हो गयी थी. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति वफादार विधायकों के विद्रोह के कारण मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार गिर गयी और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी वापस सत्ता में आ गयी.