Bus Marshals Appointment: LG ने बस मार्शल की नियुक्ति पर सीएम को लिखा पत्र, सीडीवी की तैनाती को दी मंजूरी

Bus Marshals Appointment: दिल्ली में वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को चार महीने की अवधि के लिए नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सीडीवी) की फिर से तैनाती को मंजूरी दे दी.

By ArbindKumar Mishra | November 13, 2024 9:26 PM

Bus Marshals Appointment: नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की तैनाती एक नवंबर 2024 से 28 फरवरी, 2025 तक के लिए होगी. उपराज्यपाल ने बस मार्शलों की नियुक्ति पर भी ठोस योजना तैयार करने का आग्रह किया.

उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री आतिशी से बस मार्शलों के लिए ठोस योजना बनाने का किया आग्रह

एलजी वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार से बस मार्शलों के लिए एक समर्पित योजना तैयार करने का आग्रह किया, जैसा कि उन्होंने 24 अक्टूबर व दो नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री को लिखे पत्रों में कहा था. बयान में कहा गया कि उपराज्यपाल ने एक ठोस योजना की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें बस मार्शलों की भूमिका, औचित्य और सेवा शर्तों को स्पष्ट किया गया हो. उपराज्यपाल ने सरकार को आधिकारिक पदों के सृजन और बजटीय प्रावधान सुनिश्चित करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने का भी निर्देश दिया है.

AAP ने कहा मार्शलों के लिए नीति बनाने का अधिकार सिर्फ उपराज्यपाल को है

आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि दिल्ली सरकार नागरिक स्वयंसेवकों के लिए सभी आवश्यक बजटीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. AAP ने कहा, बस मार्शलों के लिए योजना बनाना सेवाओं के साथ-साथ कानून-व्यवस्था का विषय है, इसलिए उपराज्यपाल से अनुरोध है कि वे बस मार्शलों के लिए एक योजना बनाएं. पार्टी ने कहा कि वरिष्ठ नौकरशाहों ने दिल्ली सरकार को लिखित में दिया है कि बस मार्शलों के लिए नीति बनाने का अधिकार सिर्फ उपराज्यपाल को है.

नागरिक सुरक्षा निदेशालय की आपत्तियों के बाद हटाये गए थे बस मार्शल

नागरिक सुरक्षा निदेशालय की आपत्तियों के बाद 10000 से अधिक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई थी. उन्हें पहले बस मार्शल के रूप में तैनात किया गया था. निदेशालय ने तर्क दिया था कि इन स्वयंसेवकों को शुरू में आपदा प्रबंधन की भूमिका के लिए नियुक्त किया गया था, न कि सार्वजनिक परिवहन सुरक्षा के लिए. उपराज्यपाल ने पिछले वर्ष बस मार्शल के रूप में सीडीवी की तैनाती समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सिफारिश की थी कि वे होमगार्ड के 10,000 से अधिक स्वीकृत पदों पर इन स्वयंसेवकों का उपयोग करने पर विचार करें.

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