कोरोना से उबरे शख्स ने ऑफिस को बनाया ‘कोविड हॉस्पिटल’, गरीबों का होगा मुफ्त इलाज
कादर शेख 1 महीने पहले कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. अस्पताल से वापस लौटने के बाद कादर शेख ने अपने ऑफिस को कोविड अस्पताल बना दिया है. अस्पताल में कुल 85 बेड हैं.
अहमदाबाद: कोरोना संकट के बीच गुजरात से एक सुखद खबर सामने आई है. कोरोना काल में जब लोगों की असंवेदनशीलता की कई खबरें सामने आई है वैसे में गुजरात के सूरत शहर से आई एक खबर राहत देने वाली है. खबर सूरत के कारोबारी कादर शेख के बारे में है.
1 महीने पहले पॉजिटिव पाये गये थे शेख
कादर शेख 1 महीने पहले कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे. अस्पताल से वापस लौटने के बाद कादर शेख ने अपने ऑफिस को कोविड अस्पताल बना दिया है. अस्पताल में कुल 85 बेड हैं. कादर शेख के मुताबिक यहां गरीबों का इलाज फ्री में किया जायेगा. चाहे वो किसी भी जाति या धर्म का हो.
नगर निगम से जरूरी उपकरण मंगवाये
कादर शेख ने सूरत नगर निगम को पत्र लिखा है. उनसे अपील की है कि उनके कोविड अस्पताल को 15 आईसीयू बेड दिया जाये. उसके साथ ही कर्मचारियों की तैनाती की जाये जो मरीजों का इलाज कर सकें. अस्पताल के लिये जरूरी उपकरण मांगा है.
कादर शेख की मांग पर सूरत नगर निगम के कमिश्नर बीएन पाणि और उप स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. आशीष नाइक ने इस कोविड अस्पताल का दौरा किया और यहां कोरोना मरीजों के इलाज को मंजूरी दी.
गरीबों का मुफ्त में इलाज करेगा हॉस्पिटल
अपने फैसले का कारण बताते हुये कादर शेख ने कहा कि एक महीने पहले मैं कोविड पॉजिटिव पाया गया था. मैंने देखा कि अस्पताल में इस बीमारी के इलाज में लाखों रूपये खर्च हो जाते हैं. मैं रियल स्टेट कारोबारी हूं, इसलिये मैंने अपने इलाज का खर्च उठा लिया. लेकिन उसी समय मुझे खयाल आया कि इस इलाज का खर्च वे लोग कैसे उठाते होंगे जिनके पास इतना पैसा नहीं है. इसलिये मैंने निशुल्क कोविड हॉस्पिटल संचालित करने का सोचा.
कादर शेख ने इस कोविड अस्पताल का नाम हिबा कोविड अस्पताल रखा है. हिबा उनकी पोती का नाम है
‘गरीबी देखी, सेवा का मतलब जानता हूं’
कादर शेख कहते हैं कि, मैं अपने मुंह में चांदी के चम्मच के साथ पैदा नहीं हुआ था. मैंने अपने शुरुआती जीवन में गरीबी देखी है. जानता हूं कि अभाव में होना कैसा लगता है. मैंने अपनी जिंदगी में कड़ी मेहनत की और आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं. मैं अब आर्थिक रूप से संपन्न हूं. इसलिये मैंने इस वैश्विक महामारी के समय लोगों की मदद करने का फैसला किया है. मेरे तीन बेटे हैं. वे भी मेरे इस काम में मेरी सहायता कर रहे हैं.
कादर शेख ने बताया कि उनके ऑफिस में जो अस्पताल बनाया गया है, उसमें डॉक्टरों और नर्सों के रहने के लिये अलग से जगह बनाई गयी है. मरीजों के लिये यहां भोजन का भी इंतजाम होगा. एक रसोई और भोजन कक्ष भी बनाया गया है.
Posted By- Suraj Thakur