जम्मू कश्मीर में अगर आप जमीन खरीदने या घर बनाने का सपना देख रहे हैं, तो अब आपका यह सपना पूरा हो सकता है. केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में भूमि खरीद- बिक्री के कानून में बड़ा बदलाव किया है.
इस बदलाव के बाद देश के किसी भी नागरिक को वहां जमीन खरीदने और घर बनाने का अधिकार मिल गया है. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 A हटाये जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या कोई भी जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद सकता है ? उस वक्त और अब में बहुत कुछ बदला है.
पहले क्या था , अब क्या हुआ है
साल 2019 में अगस्त के महीने में अनुच्छेद 370 और 35-A हटा. इसके बाद भी जम्मू कश्मीर में कोई बाहर का व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता था. अब केंद्र सरकार ने इस मामले में बड़ा बदलाव किया भूमि खरीदी से जुड़े कानूनों में जम्मू कश्मीर में बदलाव हुआ. अब जम्मू कश्मीर से बाहर का निवासी भी यहां जमीन ले सकेगा. इसमें कुछ और नियम भी हैं जैसे खेती वाली जमीन को लेकर कानून है.खेती वाली जमीन सिर्फ खेती के लिए ही इस्तेमाल की जा सकेगी. गैर-खेतीहर व्यक्ति को यह नहीं बेची जा सकती हालांकि खेती वाली जमीन पर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट या फिर हेल्थ केयर सेंटर बनाया जा सकता है.
खुलेगा जम्मू- कश्मीर के विकास का रास्ता
केंद्र सरकार ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत लिया है. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-A हटाये जाने के बाद से ही जम्मू कश्मीर के विकास पर चर्चा हो रही थी. केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के विकास के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया है. सरकार का यह मानना है कि इससे यहां निवेश में आसानी होगी और भारत के दूसरे राज्यों की तरल जम्मू कश्मीर में भी निवेशक आसानी से आ सकेंगे. भारतीय अब जम्मू-कश्मीर में फैक्ट्री, घर या दुकान या कोई बडे व्यापार के लिए आसानी से जमीन खरीद सकते हैं. इसके लिए स्थानीय निवासी होने का साक्ष्य नहीं देना होगा.
इन राज्यों में नहीं खरीद सकेंगे जमीन
जम्मू कश्मीर में भले ही देश के किसी भी कोने में रहने वाला व्यक्ति जमीन खरीद सकेगा लेकिन लद्धाख सहित कई ऐसे राज्य है जहां जमीन खरीदना अभी संभव नहीं है. जम्मू कश्मीर के साथ- साथ लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था लेकिन लद्दाख में अभी यह कानून लागू नहीं किया गया है.
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सरकार लद्दाख के मामले में वहां के स्थानीय नेताओं से बातचीत कर रही है. यहां भारत चीन सीमा पर हालात को देखते हुए अनुच्छेद 371 या छठी अनुसूची की मांग उठी है. अनुच्छेद 371 में छह पूर्वोत्तर राज्यों सहित कुल 11 राज्यों के लिए विशेष प्रावधान हैं. इस प्रावधान के पीछे का मुख्य उद्देश्य है उनकी सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक हितों की रक्षा करना. लद्दाख में 90 प्रतिशत आबादी आदिवासी है. इसी कानून के तहत हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बाहरी व्यक्ति के जमीन खरीदने पर रोक लगी है.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak