CAA Notification : सीएए कानून बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों और पारसियों को यहां पांच वर्ष निवास करने के बाद भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान करता है. सीएए नियम जारी किये जाने के बाद, बगैर दस्तावेज के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आये हिंदुओं, सिखों को नागरिकता मिलेगी.
CAA Notification : आखिर सीएए है क्या?
जानकारी हो कि विपक्ष CAA का विरोध कर रही है जबकि सत्ता पक्ष ने चुनाव से पहले इसके अधिसूचना को जारी करने की बात कही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल 27 दिसंबर को कहा था कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है. शाह ने कहा था कि सीएए लागू करना भाजपा की प्रतिबद्धता है. इन तमाम हालिया घटनाक्रम के बीच जानना यह जरूरी हो जाता है कि आखिर CAA है क्या?
CAA Notification : किसे मिलेगी नागरिकता ?
संसद से पारित होने के बाद CAA की अधिसूचना बाकि है. बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार ने यह बिल सदन में लाया था जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए उन देश के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी. संसद में यह बिल दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और राष्ट्रपति ने भी इसको मंजूरी दे दी थी. हालांकि, उस वक्त भी देश के कुछ हिस्सों में इस ऐक्ट का बड़े पैमाने पर विरोध किया गया था.