CAA Rules: सीएए को लेकर विपक्ष का जोरदार विरोध, सुरक्षा बल तैनात, दिल्ली में अर्द्धसैनिक बलों का फ्लैग मार्च

CAA Rules: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 लागू करने के बाद से देश के कई हिस्सों में इसके विरोध में विपक्ष प्रदर्शन कर रहा है. वहीं, कई मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह कानून मुस्लिमों से भेदभाव करता हैं.

By Pritish Sahay | March 12, 2024 1:10 PM
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CAA Rules: केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 लागू किये जाने के बाद से देश के कई हिस्सों में इसका विरोध भी हो रहा है. इसके लागू होने के बाद मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह कानून मुस्लिमों से भेदभाव करता हैं. कुछ मुस्लिम संगठन ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है. गौरतलब है कि विवादों वाले सीएए कानून को लागू किए जाने के बाद अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता दी जा सकेगी.

विपक्ष ने उठाए सवाल

सीएए कानून लागू करने के लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाये हैं. एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा है कि सीएए को उस समय लागू किया गया है जब चुनाव आयोग इलेक्शन की तारीखों का ऐलान करने वाला है. ऐसे में इसे लागू करना संसदीय लोकतंत्र पर सीधा हमला है. उन्होंने सरकार के इस कदम की निंदा की है. वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सीएए (CAA) को भेदभावपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह संविधान के मूल सिद्धांतो और भावना के खिलाफ है. उन्होंने इसे बीजेपी की ध्रुवीकरण की राजनीति करार दिया है.

बोले हिमंत बिस्व सरमा… तो इस्तीफा दे दूंगा

वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आज यानी मंगलवार को कहा कि अगर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के लिए आवेदन नहीं करने वाले किसी व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती है तो वह इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे. सीएम सरमा ने यह टिप्पणी सोमवार को विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) को लागू करने पर केंद्र सरकार की विपक्षी दलों की ओर से की जा रही आलोचना और पूरे असम में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच आई है. सीएम सरमा ने कहा कि मैं असम का बेटा हूं और अगर एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले एक भी व्यक्ति को नागरिकता मिलती है, तो मैं इस्तीफा देने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा.

कई राज्यों में बढ़ी सुरक्षा

गौरतलब है कि सीएए लागू होने के बाद कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ कई राज्यों में खास जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दिल्ली के कई जगहों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और शहर के उत्तर पूर्वी भाग में तथा शाहीन बाग, जामिया नगर एवं अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अर्द्धसैनिक बल फ्लैग मार्च कर रहे हैं. सीएए लागू होने के बाद दिल्ली पुलिस और आरएएफ ने दिल्ली के सीलमपुर इलाके में भी फ्लैग मार्च किया

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सीएए को लेकर कई राज्यों में पहले भी हो चुके हैं प्रदर्शन

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित हुआ था. इसके बाद दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे. दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया और शाहीन बाग इलाकों में 2019-20 में कई महीने तक सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए थे. उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 की शुरुआत में इस कानून को लेकर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं भी देखी गईं जिनमें 53 लोगों की मौत हो गई और 500 से ज्यादा घायल हो गए. जिसके बाद इसे कुछ समय के लिए टाल दिया गया था. भाषा इनपुट से साभार

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