CAA पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई 19 मार्च को, IUML ने कहा, ‘नागरिकता मिलने के बाद वापस नहीं ले सकते’
CAA : नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जता दी है और कहा है कि आने वाले 19 मार्च को इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई होगी.
CAA : नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जता दी है और कहा है कि आने वाले 19 मार्च को इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई होगी. वहीं, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई हो. इस अनुरोध के पीछे की दलील देते हुए उन्होंने कहा कि एक बार नागरिकता मिल जाने के बाद इसे वापस नहीं लिया जा सकता है. जानकारी हो कि बीते सोमवार को ही केंद्र सरकार ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी थी.
CAA पर 190 से अधिक मामले
CJI DY चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने IUML की ओर पेश अधिवक्ता कपिल सिब्बल दलीलों पर गौर किया है. कपिल सिब्बल ने अपने दलीलों में कहा था कि विस्थापित हिंदुओं को नागरिकता दिए जाने के बाद उसे वापस नहीं लिया जा सकता है और इसलिए इन मुद्दों पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है. CJI ने कहा, ‘हम मंगलवार को इस पर सुनवाई करेंगे. 190 से अधिक मामले हैं. उन सभी पर सुनवाई की जाएगी. हम अंतरिम याचिकाओं के पूरे बैच की सुनवाई करेंगे.
CAA – जानें किसे मिलेगी नागरिकता
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 237 याचिकाएं हैं और उन लंबित याचिकाओं में से चार अंतरिम याचिकाएं नियमों के क्रियान्वयन के खिलाफ दायर की गयी हैं. भारत सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू किया, जिससे 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया. केंद्र ने संसद द्वारा इस विवादित अधिनियम के पारित होने के चार साल बाद नियमों को अधिसूचित किया है जिसके बाद ये याचिकाएं दायर की गयी हैं.