Union Cabinet: महिला स्वयं सहायता समूहों को 15000 ड्रोन देगी मोदी सरकार, जानें क्या होगा इससे फायदा
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय किया गया. योजना के तहत स्वीकृत पहल 15,000 एसएचजी को स्थायी व्यवसाय तथा आजीविका सहायता प्रदान करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत केंद्र सरकार अगले चार वर्षों में 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करेगी.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ने बैठक के बाद इस योजना के बारे में जानकारी दी
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय किया गया. ठाकुर ने कहा, योजना का मकसद 2024-25 से 2025-2026 के दौरान किसानों को कृषि उद्देश्य के लिए किराए की सेवाएं प्रदान करने के लिए 15,000 चयनित महिला एसएचजी को ड्रोन प्रदान करना है.
2023-24 और 2025-26 के दौरान महिला समुहों को ड्रोन उपलब्ध कराया जाएगा
केंद्र की मोदी सरकार महिला स्वयं सहायता समूह को 2023-24 और 2025-2026 के दौरान ड्रोन उपलब्ध कराने का फैसला किया है. एसएचजी कृषि उपयोग के लिए किसानों को किराये की सेवाओं के रूप में ड्रोन प्रदान करने में सक्षम होंगे.
योजना से महिलाओं को क्या होगा लाभ
योजना के तहत स्वीकृत पहल 15,000 एसएचजी को स्थायी व्यवसाय तथा आजीविका सहायता प्रदान करेगी. इससे महिलाएं प्रति वर्ष कम से कम 1,00,000 रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित करने में सक्षम होंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में लाल किले से एसएचजी को ड्रोन प्रौद्योगिकी से सशक्त बनाने की घोषणा की थी.
इस योजना में आएगा 1261 करोड़ रुपये का खर्च
ड्रोन योजना में अगले चार वर्षों में करीब 1,261 करोड़ रुपये खर्च आंका गया है. पीआईबी के महानिदेशक ने अपनी एक्स टाइमलाइन पर पोस्ट किया कि केंद्र सरकार की सहायता, ड्रोन की लागत का 80 प्रतिशत और सहायक उपकरण/सहायक शुल्क अधिकतम 8 लाख रुपये तक प्रदान किया जाएगा.
ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा कीटनाशकों का छिड़काव
अनुराग ठाकुर ने कहा, योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा, यह योजना पीएम मोदी की ‘लखपति दीदी’ पहल के हिस्से के रूप में महत्वपूर्ण है. लगभग 10 करोड़ महिलाएं हैं जो कुछ स्वयं सहायता समूहों का हिस्सा हैं. इस ड्रोन योजना के माध्यम से ड्रोन उर्वरकों और कीटनाशकों के छिड़काव में दक्षता में सुधार करेंगे. इसके लिए पांच दिवसीय अनिवार्य ड्रोन पायलट प्रशिक्षण और कृषि उद्देश्यों के लिए पोषक तत्व और कीटनाशक अनुप्रयोग के लिए अतिरिक्त 10-दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाना है.