मंत्रिमंडल ने दी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेशों के लिए 520 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेशों में 520 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है.
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2023-24 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेशों में 520 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है. विशेष पैकेज के तहत इस अवधि के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेशों में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) की धनराशि सुनिश्चित करना है.
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— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) October 14, 2020
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिये 520 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है.
जावडेकर ने कहा, ”मोदी सरकार की परिकल्पना है कि 10 करोड़ों महिलाओं तक यह योजना पहुंचे. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में इस योजना में बहुत कम महिलाओं का रजिस्ट्रेशन होता था, अब वहां 10 लाख महिलाएं यानी करीब दो-तिहाई परिवार इस योजना से जुड़ जायेंगे. इसके लिए विशेष पैकेज दिया गया है.”
इससे इन केंद्र शासित प्रदेशों की जरूरत के आधार पर मिशन के तहत पर्याप्त धन सुनिश्चित कराया जायेगा. साथ ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्र प्रायोजित व उन्मुख योजनाओं को धरातल पर समयबद्ध तरीके से उतारना ही भारत सरकार का उद्देश्य है.
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) केंद्र द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है. इसका उद्देश्य पूरे देश में गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए विविध आजीविकाओं के संवर्धन द्वारा ग्रामीण गरीबी का उन्मूलन करना है.
देश के करीब 10 करोड़ ग्रामीण गरीब परिवारों को डीएवाई-एनआरएलएम के तहत उनकी आजीविका के साथ-साथ संस्थानों और बैंकों से वित्तीय संसाधनों के जरिये परिवार की एक महिला सदस्य को स्वयं सहायता समूह में शामिल करना, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के साथ-साथ आजीविका योजनाओं में सहायता प्रदान करना है.
मिशन में स्वयं सहायता की भावना के साथ समुदाय पशेवरों के जरिये समुदाय संस्थानों के साथ कार्य करना शामिल है. कार्यक्रम की सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इसे राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यान्वयन सहायता इकाइयों के साथ मिशन मोड में लागू किया गया है.