Cabinet Meeting: रबी फसलों की MSP में 35 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी, किसानों की बढ़ेगी आय
Cabinet Meeting News Updates प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को संपन्न हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले किए गए. कैबिनेट की बैठक में रबी फसलों की एमएसपी में 40 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.
Cabinet Meeting News Updates प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को संपन्न हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले किए गए. कैबिनेट की बैठक में रबी फसलों की एमएसपी में 40 से 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. साथ ही गन्ना किसानों के लिए अब तक के उच्चतम और लाभकारी मूल्य 290 रुपये प्रति क्विंटल को मंजूरी दी गई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पीयूष गोयल ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी दी.
केंद्रीय कैबिनेट ने टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए पीएलआइ स्कीम को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में टेक्टाइल मंत्रालय को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. पांच वर्षों में 10,683 करोड़ रुपये मूल्य के प्रोत्साहन मुहैया कराए जाएंगे. इससे प्रत्यक्ष तौर पर 7.5 लाख से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
Union Cabinet approves MSP for rabi crops for marketing season 2022-23: Govt of India
— ANI (@ANI) September 8, 2021
वहीं, केंद्रीय पीयूष गोयल ने कहा कि इन योजनाओं का लाभ लेते हुए भारत अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपना वर्चस्व और दिखा पाएगा. उन्होंने कहा कि विकसित देशों के साथ भी एफटीए करके हम कपड़ा व्यापार में बाकी देशों के सामने जो हमारी डिसेबिलिटी है और उसे कवर करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि यह निर्णय कुछ वैश्विक चैंपियन तैयार करेगा और इससे गुजरात, यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि को विशेष रूप से फायदा होगा.
भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के मकसद से अब तक 13 सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम की एलान हो चुका है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब कपड़ा मंत्रालय इस स्कीम को लेकर जरूरी दिशानिर्देश जारी करेगा. इस स्कीम को लागू करने का मकसद है कि भारतीय कपड़ा उद्योग में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले, जिससे निर्यात में भी तेजी आएगी. इसकी मदद से कपड़ा उद्योग के लिए मजबूत इकोसिस्टम तैयार करना है, जहां वे वैश्विक बाजार में भी मुकाबला किया जा सके. इसके अलावा यह सेक्टर बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा करता है, जिसकी अभी सबसे ज्यादा जरूरत है.
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