Cabinet: नरकटियागंज-रक्सौल, सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-दरभंगा रूट पर रेलवे लाइन का होगा दोहरीकरण

केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के तहत नरकटियागंज-रक्सौल, सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-दरभंगा रूट पर रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया गया है. यह लगभग 256 किलोमीटर लंबा है. वहीं इरुपलेम और नांबुरु वाया अमरावती के बीच 57 किलोमीटर लंबे रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दी गयी है.

By Anjani Kumar Singh | October 24, 2024 4:46 PM
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Cabinet: देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर सरकार का विशेष जोर है. रेल, सड़क और पोर्ट नेटवर्क को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है. सरकार की कोशिश देश में लॉजिस्टिक की कीमत कम करने पर है. इस कड़ी में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स(सीसीईए) को बैठक में दो रेलवे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गयी, इस प्रोजेक्ट पर 6798 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के तहत नरकटियागंज-रक्सौल, सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-दरभंगा रूट पर रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया गया है. यह लगभग 256 किलोमीटर लंबा है. वहीं इरुपलेम और नांबुरु वाया अमरावती के बीच 57 किलोमीटर लंबे रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दी गयी है.  नरकटियागंज-रक्सौल, सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-दरभंगा रूट पर रेलवे लाइन का दोहरीकरण से नेपाल तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी. साथ ही उत्तर-पूर्व भारत और सीमा क्षेत्र पर परिवहन की सुविधा आसान होने से यात्री और माल ढुलाई बढ़ेगी, जिससे इस इलाके में सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिलेगी. वहीं इरुपलेम-अमरावती-नांबरु के बीच नयी रेल लाइन आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा, गुंटूर और तेलंगाना के खम्मम जिले से गुजरेगी. रेलवे के दो प्रोजेक्ट से तीन राज्यों बिहार, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 8 जिलों को फायदा होगा और इससे रेलवे के नेटवर्क में 313 किलोमीटर का इजाफा होगा. 

बिहार के दो आकांक्षी जिलों के विकास में मिलेगी मदद

नरकटियागंज-रक्सौल, सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-दरभंगा रूट पर रेलवे लाइन का दोहरीकरण के बिहार के 168 गांव के 12 लाख लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और 9 नये रेलवे स्टेशन का निर्माण होगा. इस मल्टी ट्रैकिंग प्रोजेक्ट से राज्य के दो आकांक्षी जिलों सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में कनेक्टिविटी मजबूत होगी और इससे 388 गांव के 9 लाख लोगों को फायदा होगा. यह रूट कृषि उत्पाद, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट जैसे उत्पादों के परिवहन के लिए काफी महत्वपूर्ण है.

रेल लाइन के दोहरीकरण से हर साल लगभग 31 मिलियन टन माल की अतिरिक्त ढुलाई होने की संभावना है. रेलवे ऊर्जा खपत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए परिवहन का सबसे बेहतर साधन है. इस रेल लाइन के निर्माण से लॉजिस्टिक कॉस्ट और कार्बन उत्सर्जन में कमी आयी. एक अनुमान के अनुसार इस लाइन के निर्माण के बाद 168 करोड़ किलो कार्बन उत्सर्जन कम होगा, जो 7 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है. यह प्रोजेक्ट पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान योजना के तहत तैयार किया गया है. सरकार की कोशिश मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है.

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