Cadila Healthcare On ZyCoV-D MD Sharvil Patel स्वदेशी कंपनी जायडस कैडिला ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) को लेकर गुरुवार को बड़ी प्रतिक्रिया दी है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कैडिला हेल्थकेयर के एमडी शारविल पटेल ने जायकोव-डी को लेकर कहा है कि हमें अगस्त से प्रति माह 1 करोड़ वैक्सीन खुराक और इस साल दिसंबर तक 5 करोड़ खुराक का उत्पादन करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य एक वर्ष में 10 करोड़ वैक्सीन खुराक का उत्पादन करना है.
इससे पहले कंपनी ने कहा कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी को बिना इंजेक्शन की मदद से फार्माजेट तकनीक से लगाया जाएगा. इस तकनीक के इस्तेमाल से वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट के खतरे कम हो जाएंगे. बता दें कि जायडस कैडिला ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) के आपातकालीन उपयोग के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से मंजूरी मांगी है. कंपनी ने कहा कि उसने भारत में अब तक 50 से अधिक केंद्रों में अपने कोविड-19 वैक्सीन के लिए क्लीनिकल परीक्षण किया है.
We expect to produce 1 crore vaccine doses per month from August onwards and 5 crore doses by December this year. Our target is to produce 10 crore vaccine doses in a year: Sharvil Patel, MD, Cadila Healthcare on ZyCoV-D pic.twitter.com/sVDumTvBhj
— ANI (@ANI) July 1, 2021
जायडस कैडिला ने कहा है कि यह कोविड-19 के खिलाफ एक प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है. कैडिला हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक डॉ शरविल पटेल का दावा है कि जब वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी, तो इससे न सिर्फ व्यस्कों को, बल्कि 12-18 साल की उम्र के लोगों को भी मदद मिलेगी. कंपनी का कहना है कि इस वैक्सीन को बिना इंजेक्शन की मदद से फार्माजेट तकनीक से लगाया जाएगा. इस तकनीक के इस्तेमाल से वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट के खतरे कम हो जाएंगे.
मंजूरी मिलने पर यह कोरोना की रोकथाम के लिए दुनिया का पहला डीएनए आधारित टीका और देश में उपलब्ध 5वां वैक्सीन होगा. उल्लेखनीय है कि जायडस कैडिला वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है और यह ट्रायल 28 हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स पर किया गया है. क्लिनिकल ट्रायल से पता चलता है कि टीका बच्चों के लिए सुरक्षित है.
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