15 साल बाद भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का लाभ सभी कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है : सीएजी
CAG reports said Even after 15 years not all employees have been benefited from the National Pension System:नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) योजना लागू हुए 15 साल होने के बाद भी सरकारी क्षेत्र के सभी पात्र कर्मचारी पूर्ण रूप से इसके दायरे में नहीं आ पाये हैं. साथ ही कटौती, बिल और प्रेषण में देरी के मामले भी सामने आये हैं. संसद में पेश कैग रिपोर्ट के अनुसार एनपीएस में यह परिकल्पना की गयी है कि सभी पात्र सरकारी कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे और अंशधारकों तथा नियोक्ताओं का योगदान समय पर काटा जाएगा तथा उसे ट्रस्टी बैंकों में भेजा जाएगा.
नयी दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) योजना लागू हुए 15 साल होने के बाद भी सरकारी क्षेत्र के सभी पात्र कर्मचारी पूर्ण रूप से इसके दायरे में नहीं आ पाये हैं. साथ ही कटौती, बिल और प्रेषण में देरी के मामले भी सामने आये हैं. संसद में पेश कैग रिपोर्ट के अनुसार एनपीएस में यह परिकल्पना की गयी है कि सभी पात्र सरकारी कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे और अंशधारकों तथा नियोक्ताओं का योगदान समय पर काटा जाएगा तथा उसे ट्रस्टी बैंकों में भेजा जाएगा.
कैग ने कहा कि उसने तीन क्षेत्रों… योजना, क्रियान्वयन और निगरानी को लेकर एनपीएस का प्रदर्शन ऑडिट किया है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अनुसार क्रियान्वयन के संदर्भ में यह पाया गया कि लागू होने के 15 साल बाद भी ऐसा पक्का नहीं है कि सभी नोडल कार्यालय और 100 प्रतिशत पात्र कर्मचारी एनएपीएस के दायरे में हैं.
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रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) जारी करने, एनपीएस योगदान में पहली कटौती, पीएओ (पे एंड एकाउंट कार्यालय) तक बिलों के पहुंचने, अंशधारकों के योगदान फाइल के अपलोड होने और ट्रस्टी बैंक को योगदान राशि भेजने में देरी पायी गयी है.”
कैग ने कहा कि ऑडिट के लिये उसने जो नमूने लिये, उसमें केंद्र सरकार/केंद्रीय स्वायत्त निकायों के 5.20 करोड़ रुपये और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के डीडीओ (ड्राइंग एंड डिस्बरसमेंट ऑफिस) से 793.04 करोड़ रुपये एनपीएस से जुड़े नोडल कार्यालयों ने ट्रस्टी बैंकों को नहीं भेजे. योजना के बारे में कैग ने कहा कि 15 साल लागू होने के बाद भी सेवा शर्तों और सेवानिवृत्ति लाभ को लेकर नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है.
Posted By : Rajneesh Anand