कोलकाता : वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की गई सुनवाई के स्क्रीनशॉट को साझा करना एक वकील को परेशानी में डाल दिया. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक वकील शिव रतन ककरानिया ने एक मामले में सुनवाई का एक स्क्रीनशॉट साझा किया था. यह स्क्रीनशॉट अदालत के अनुमति के बिना साझा किया गया था. न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने स्वत: संज्ञान लेते हुए वर्चुअल सुनवाई के स्क्रीनशॉट ‘लिंक्डइन’ पर पोस्ट करने के लिए एक वकील के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. हांलाकि माफी मांगने के बाद मुकदमा वापस ले लिया गया.
बता दें कि 25 अगस्त को पारित आदेश के अनुसार, शिव रतन ककरानिया ने 19 अगस्त को एक हलफनामा दायर किया, जिसमें बिना शर्त माफी मांगी गई और स्वीकार किया गया कि अदालत की अनुमति के बिना अदालत की कार्यवाही का स्क्रीनशॉट प्रकाशित करना “गलत” था. वकील ने अदालत को सूचित किया कि स्क्रीनशॉट जल्द ही हटा दिया गया था. उन्होंने यह भी बताया है कि प्रकाशन में दिया गया बयान पूरी तरह से अनायास था. वह न्यायालय की गरिमा को कम नहीं करना चाहते थे और उन्होंने इसके लिए माफी भी मांग ली है.
न्यायमूर्ति मंथा ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा, “शिव रतन ककरानिया अवमानना कार्यवाही को चेतावनी के साथ छोड़ दिया जाता है. बता दें कि कई वकीलों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस सुनवाई के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पोस्ट किए जा रहे हैं। यहां तक कि इन सुनवाईयों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जा रही है, जिसमें कुछ वायरल हुई हैं. इनमें सबसे प्रमुख था, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन का. इस महीने की शुरुआत में राजस्थान उच्च न्यायालय की एक की एक आभासी सुनवाई के दौरान कैमरे के धूम्रपान करते हुए स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था.