ममता बनर्जी सरकार बंगाल के सभी पूजा पंडालों को देगी 50 हजार रुपये, हाइकोर्ट ने बताया कहां खर्च करना है
Durga Puja 2020, Covid-19, West Bengal, Calcutta High Court, Mamata Banerjee: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दुर्गा पूजा आयोजकों को पश्चिम बंगाल सरकार से मिलने वाले 50 हजार रुपये के अनुदान में से 75 प्रतिशत राशि कोविड उपकरणों पर और शेष राशि जनता-पुलिस संबंधों को मजबूत बनाने पर खर्च करने का निर्देश दिया.
कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (16 अक्टूबर, 2020) को दुर्गा पूजा आयोजकों को पश्चिम बंगाल सरकार से मिलने वाले 50 हजार रुपये के अनुदान में से 75 प्रतिशत राशि कोविड-19 के उपकरणों पर और शेष राशि जनता-पुलिस संबंधों को मजबूत बनाने पर खर्च करने का निर्देश दिया है.
इससे पहले,पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा समितियों को ममता बनर्जी सरकार की ओर से 50-50 हजार रुपये दिये जाने के औचित्य पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने जवाब मांगा था. हाइकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से जानना चाहा था कि जब कोविड-19 महामारी की वजह से राज्य में मितव्ययिता के उपाय किये जा रहे हैं, तो सामुदायिक दूर्गा पूजा के लिए 50 हजार रुपये देने का क्या औचित्य है.
ममता बनर्जी सरकार की ओर से सामुदायिक दूर्गा पूजा समितियों को 50 हजार रुपये देने संबंधी फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने गुरुवार को यह भी जानना चाहा था कि क्या ईद जैसे अन्य त्योहारों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है.
खंडपीठ ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि क्या इस तरह के खर्च के लिए कोई दिशा-निर्देश दिया गया है, क्योंकि यह सार्वजनिक धन है, जिसे पूजा आयोजकों को अनुदान के रूप में दिया जा रहा है. राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि आर्थिक मदद कोविड-19 नियंत्रण, सैनिटाइजर और मास्क की खरीद पर सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए है.
Money donated by West Bengal Govt to each Durga Puja club to be used for improving police & public bonding, and procuring masks, sanitizers and face shield, says Calcutta High Court in its interim order.
This money cannot be used for any other entertainment purposes, it states.
— ANI (@ANI) October 16, 2020
इस पर पीठ ने कहा कि खर्च के खातों को अच्छी तरह से बनाये रखा जाना चाहिए. पीठ ने सुझाव दिया कि राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता, याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास भट्टाचार्य ऐसे सभी मामलों पर एक बैठक करें और शुक्रवार को इसके नतीजों के बारे में अदालत को सूचित करें. इस संबंध में जब कोर्ट को सूचित किया गया, तो कोर्ट ने धनराशि खर्च करने के बारे में पूजा समितियों को उपरोक्त निर्देश दिये.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 सितंबर, 2020 को राज्य की प्रत्येक पूजा समिति को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी. ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत तमाम दलों ने सवाल उठाये थे. विरोधी दलों ने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी हिंदुओं को रिश्वत देने की कोशिश कर रही हैं.
Posted By : Mithilesh Jha