Narada Sting Operation Case: नारद स्टिंग केस में गिरफ्तार टीएमसी के चार दिग्गज नेताओं को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी. कलकत्ता हाईकोर्ट ने टीएमसी के दो मंत्रियों, एक विधायक और एक पूर्व विधायक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया. इन नेताओं को दो लाख रुपए के निजी बांड भरने के भी निर्देश दिए गए हैं. अभी चारों नेता हाऊस अरेस्ट में हैं. पिछले दिनों नारद स्टिंग ऑपरेशन केस में सीबीआई ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कैबिनेट में मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी समेत टीएमसी के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया था.
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इस फैसले के पहले दो सदस्यीय खंडपीठ ने जमानत पर एकमत फैसला नहीं दिया था, जिसके बाद मामले को पांच सदस्यीय खंडपीठ के पास भेजा गया था. शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय टीम ने फैसला सुनाते हुए चारों नेताओं को अंतरिम जमानत देने का फैसला सुना दिया. इसके पहले कलकत्ता हाईकोर्ट ने 28 मई तक के लिए फैसले को सुरक्षित रखा था.
नारद स्टिंग केस में सीबीआई ने सीएम ममता बनर्जी की कैबिनेट के दो सीनियर मंत्रियों, तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक और इसी पार्टी के एक पूर्व नेता और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर को गिरफ्तार किया था. नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं ने कथित तौर पर धन लिया था. साल 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग से जुड़ा टेप पब्लिक डोमेन में आ गया था. इस मामले में सीबीआई ने टीएमसी के चार बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया था. उन्हें सीबीआई की स्पेशल कोर्ट से जमानत मिली थी. बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमानत पर रोक लगाई थी.
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सीबीआई ने फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी के अभियोजन की मंजूरी के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से संपर्क किया था. धनखड़ ने 7 मई को सभी चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने अपने आरोप पत्र को अंतिम रूप दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा हाल में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गये हैं. जबकि, शोभन चटर्जी ने बीजेपी में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ा था. उनके दोनों पार्टी से संबंध हैं.