भारत में किसान आंदोलन को लेकर बदल गये कनाडा के राग, पढ़ें क्यों भारत के रुख की तारीफ करने लगा है यह देश
यह संभव हो सका है भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की वजह से पीएम मोदी की तारीफ के साथ जस्टिन टुडो ने वैक्सीन की जरूरत का भी जिक्र किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन को लेकर भारत सरकार के बातचीत के प्रयासों को सराहा है. इसके साथ ही जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार वहां मौजूद भारतीय राजनयिकों और परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.'
भारत में किसान आंदोलन को लेकर कनाडा ने अपना रुख बदल दिया है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. किसान आंदोलन पर भारत के रुख की उन्होंने तारीफ की है. उन्होंने भारत के बातचीत की सराहना की है .
सूत्रों की मानें तो यह संभव हो सका है भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी की वजह से पीएम मोदी की तारीफ के साथ जस्टिन टुडो ने वैक्सीन की जरूरत का भी जिक्र किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन को लेकर भारत सरकार के बातचीत के प्रयासों को सराहा है. इसके साथ ही जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार वहां मौजूद भारतीय राजनयिकों और परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.’
कनाडा ने कोरोना से लड़ने के लिए भारत से मदद की अपील की है. भारत ने कोरोना से लड़ाई में हर संभव मदद का भरोसा दिया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने फोन पर वैक्सीन को लेकर बातचीत की. मोदी की तरफ से वैक्सीन को लेकर मदद का भरोसा दिया गया है. इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल इकॉनोमिक रिकवरी को लेकर भी सहमति बनी.
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है जिसमें पीएम मोदी को कनाडा में कोरोना से व्याप्त हालात के बारे में जानकारी दी. साथ ही उन्होंने कनाडा के लिए कोविड-19 वैक्सीन की जरूरत से भी अवगत कराया. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने जैसे अन्य देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराकर मदद की वैसे ही कनाडा की भी मदद की जाएगी.
जस्टिन टुडो ने भारत के प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत को अच्छी बातचीत बताया है और और कहा है कि हम आगे भी संपर्क में रहेंगे इस दौरान दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता, हालिया प्रदर्शनों और बातचीत के जरिए मुद्दों के समाधान के महत्व पर चर्चा की गयी है.