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Ramzan 2020 : लॉकडाउन में टूटेगी 200 साल पुरानी परंपरा, पहली बार रमजान में रायसेन किले से नहीं चलेगी तोप

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण भारत में लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है. त्यौहारों पर भी लॉकडाउन का असर साफ दिख रहा है. रमजान का महीना शुरु हो चुका है और रोजेदार भी लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं.

By Shaurya Punj | April 24, 2020 9:41 PM

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण भारत में लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है. त्यौहारों पर भी लॉकडाउन का असर साफ दिख रहा है. रमजान का महीना शुरु हो चुका है और रोजेदार भी लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं. इस साल 200 साल पुरानी परंपरा भी टूटने वाली है. 200 साल में पहली बार रायसेन के ऐतिहासिक किले से तोप नहीं चलेगी. रमजान में सुबह ओर शाम के समय किले से चलने वाली तोप लॉकडाउन के कारण नहीं चलेगी.

करीब 200 साल पहले रमजान में रायसेन और उसके सहित आसपास के 20 गांव के रोजेदारों को समय की सूचना देने के लिए ये अनोखी परंपरा की शुरूआत हुई थी. तोप के साथ साथ सेहरी के लिए तैयारी करने नगाड़े बजाने का क्रम भी उसी दौर में शुरू हुआ था. कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लॉकडाउन में इस साल रमजान में सुबह सहरी और शाम को इफ्तार के समय रायसेन के किले से चलने वाली तोप की गूंज सुनाई नहीं देगी. रमजान में बीते 200 साल से ये परंपरा चली आ रही है.

रायसेन मुस्लिम कमिटी के अध्यक्ष मोहम्मद अमीन ने कहा कि तोप के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी कि किले की प्राचीर से तोप चलाने की अनुमति दें, पर इस बार लॉकडाउन का पालन करते हुए जिला प्रशासन ने तोप चलाने की अनुमति नहीं दी है. 200 साल में पहली बार यह पंरपरा टूटेगी, जब रमजान में तोप की गूंज सुनाई नहीं देगी. शहर मुस्लिम कमेटी अध्यक्ष बाबु भाई ने तोप नहीं चलाने का निर्णय लिया है. साथ ही बताया कि मस्जिद के अंदर 3 से 4 लोग नमाज अदा करेंगे. बाकी लोग अपने अपने घर में नमाज पढ़ेंगे.

वर्षों पुरानी परंपरा इस बार रायसेन में टूट गई है. तोप में गोले की जगह रस्सी बम का प्रयोग किया जाता है. इसे बारूद से तैयार किया जाता है. इस तोप को चलाने के लिए जिम्मेदार लोग सुबह तीन बजे पहाड़ी पर ऊपर जाते हैं, फिर सेहरी की जानकारी देकर नीचे आ जाते हैं, उसके बाद शाम को इफ्तार की जानकारी देने जाते हैं.

फिलहाल कोरोना वायरस के कारण भारत में लॉकडाउन जारी है. भारत में अगर लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता, तो कोविड-19 के मामले एक लाख तक हो सकते थे, लेकिन अभी यह महामारी नियंत्रण में है. यह जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया पिछले 24 घंटे में 491 लोग स्वस्थ हुए हैं और शुरुआत से लेकर अबतक करीब 4748 ठीक हो चुके हैं.

उन्होंने बताया कि ठीक होने का फीसद अब 20.57% हो गया है. बीते 24 घंटे के दौरान COVID 19 के 1684 पॉजिटिव नये मामले सामने आये हैं. देशभर में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 23,077 हो गई है. देश में 80 जिले ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले 14 दिनों में कोई नया मामला दर्ज नहीं किया गया है. पिछले 28 दिनों से जिन जिलों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है उनकी संख्या भी बढ़कर 15 हो गई है.

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