कैप्टन सरकार लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज कर रही झूठे मुकदमे : हरपाल चीमा
धरने में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, उपनेता प्रतिपक्ष सर्वजीत कौर माणुके, किसान विंग के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां, विधायक और युवा विंग के अध्यक्ष मीत हेयर, विधायक जगतार सिंह हिस्सोवाल, विधायक अमरजीत सिंह संदोआ व विधायक बलदेव सिंह जैतो सहित संयुक्त सचिव मालवा अमनदीप मोही, जिला प्रधान लुधियाना सुरेश गोयल, जिला सचिव लुधियाना शरनपाल सिंह मक्कड़ नेता शामिल हुए.
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री और पंजाब विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष सर्वजीत कौर माणुके और आप कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने शनिवार को एसएसपी जगरांव कार्यालय के सामने धरना दिया.
धरने में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, उपनेता प्रतिपक्ष सर्वजीत कौर माणुके, किसान विंग के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां, विधायक और युवा विंग के अध्यक्ष मीत हेयर, विधायक जगतार सिंह हिस्सोवाल, विधायक अमरजीत सिंह संदोआ व विधायक बलदेव सिंह जैतो सहित संयुक्त सचिव मालवा अमनदीप मोही, जिला प्रधान लुधियाना सुरेश गोयल, जिला सचिव लुधियाना शरनपाल सिंह मक्कड़ नेता शामिल हुए.
इस मौके पर आप नेताओं ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन किया एवं चुनाव लूटने का हर संभव प्रयास किया. आप नेताओं ने कैप्टन पर ईवीएम में घपले का आरोप लगाया और कहा कि बेहद आश्चर्य की बात है कि ईवीएम की तारीखें मेल नहीं खाती थी. कुछ मशीनों में कांग्रेसी उम्मीदवारों को विजेता घोषित किया गया था और कुछ मशीनों की सील के साथ छेड़छाड़ की गई थी.
जब हमने इसके विरोध में आवाज उठाई तो रिटर्निंग ऑफिसर और एसडीएम ने सरकार के दबाव में हमारी मांगों को ठुकरा दिया. जब आप नेता सर्बजीत कौर माणुके ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ इस बात के विरोध में राजमार्ग को रोका तो प्रशासन ने उनके और आप कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया.
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आप नेताओं ने कहा कैप्टन अमरिंदर सिंह केंद्र की मोदी सरकार की तरह ही पंजाब में तानाशाही कर रहे हैं. निकाय चुनाव में कांग्रेस के गुंडों ने कई जगहों पर हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया. लोगों को धमकाया डराया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई. चुनाव में हिंसा हंगामा कर लगभग 200 बूथों पर कब्जा कर लिया गया लेकिन केवल 5 बूथों पर दोबारा चुनाव हुए. आप कार्यकर्ताओं ने जब कांग्रेस के गुंडों का विरोध किया तो उन गुंडों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने आप कार्यकर्ताओं पर ही मुकदमा दायर कर दिया.
आप नेताओं ने कैप्टन पर आरोप लगाया कि उन्होंने निकाय चुनाव जीतने के लिए सरकारी संसाधनों, पुलिस एवं अन्य सरकारी तंत्रों का दुरुपयोग किया और चुनाव को प्रभावित किया. हमने चुनाव आयोग से भी इस मामले की शिकायत की, लेकिन आयोग ने भी कोई कार्यवाही नहीं की. उन्होंने कहा कि 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद लोकतंत्र को चोट पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पंजाब के लोग 2022 विधानसभा चुनाव में कैप्टन सरकार की गुंडागर्दी का जवाब देंगे और उनके उम्मीदवारों का जमानत जब्त कर देंगे .