कैप्टन को दलित छात्रों की कोई परवाह नहीं, कमेटी बनाने बाद भी अभी तक छात्रवृति नहीं हुई जारी : हरपाल चीमा
उन छात्रों की आर्थिक मदद करने के बजाए कैप्टन के मंत्री ने उनकी पढाई के पैसे में घपला किया. कैप्टन सरकार में समाज कल्याण मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने दलित छात्रों की पढ़ाई लिए बनी पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप का पैसा खा गए.
साल भर से ज्यादा समय से दलित छात्रों को छात्रवृति नहीं मिलने के कारण छात्रों को हो रही परेशानी पर आम आदमी पार्टी ने कैप्टन सरकार पर निशाना साधा. आप नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने शुक्रवार को कहा कि साल भर से ज्यादा समय से दलित छात्रों को छात्रवृति नहीं मिली है, जिसके कारण पंजाब के 50,000 से ज्यादा दलित छात्रों की पढ़ाई खतरे में पड़ी हुई है. छात्रवृति नहीं मिलने के कारण छात्रों की डिग्री रुकी हुई है और हजारों दलित छात्रों को बीच में ही पढ़ाई छोडऩी पड़ रही है.
लेकिन उन छात्रों की आर्थिक मदद करने के बजाए कैप्टन के मंत्री ने उनकी पढाई के पैसे में घपला किया. कैप्टन सरकार में समाज कल्याण मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने दलित छात्रों की पढ़ाई लिए बनी पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप का पैसा खा गए.
मंत्री और पदाधिकारियों ने मिलकर छात्रवृति फंड में करोड़ों रुपये का घपला किया और सरकार ने कार्रवाई करने के बदले उन्हें क्लीन चीट दे दी. एससी-एसटी स्कॉलरशिप फंड में हुए घपले-घोटाले के कारण ही आज पंजाब के दलित छात्रों का ये दयनीय हाल बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप जारी नहीं होने के कारण सिर्फ विद्दार्थियों को ही नहीं कॉलेजों का भी हाल खराब हो गया है. छात्रवृति फंड नहीं मिलने के कारण पंजाब के 1600 से ज्यादा कॉलेजों का अस्तित्व संकट में पड़ा हुआ है.
कॉलेजों की आर्थिक हालत खराब हो गई है, जिसके कारण बहुत सारे कॉलेज बंद होने के कगार पर है. जबकि कई कॉलेजों ने मंत्री से मिलीभगत कर बिना पढ़ाए दलित छात्रों का पैसा पास करा लिया.
विपक्ष और मीडिया के दबाव में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति फंड के वितरण के मुद्दे को हल करने के लिए एक कमेटी बनाई. कमेटी बने हुए एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक दलित बच्चों के जीवन के संकट को दूर करने के लिए कोई ठोस उपाए नहीं हुए हैं.
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उन्होंने कहा कि कमेटी बनने के बाद घोषणा की गई थी कि कमेटी तीन दिनों में इस मसले को सुलझा लेगी. लेकिन एक महीने से ज्यादा समय बीत गया है, पर कमेटी ने अभी तक कुछ नहीं किया है.
बीजेपी नेता और हाल ही में बनाए गए राष्ट्रीय अनुसूचित जातिजनजाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला के स्कॉलरशिप घोटाले की जांच वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीमा ने कहा कि सांपला को पहले ये बताना चाहिए कि जब वे केन्द्र में सामाजिक न्याय मंत्री थे तो उन्होंने दलित छात्रों के कल्याण के लिए क्या किया?
रोहित बेमुला जैसे कितने दलित छात्रों ने मोदी सरकार की दलित-विरोधी नीतियों से तंग आकर आत्महत्या कर ली उस पर उन्होंने क्यों कुछ नहीं बोला? केन्द्र सरकार तो खुद साल भर से ज्यादा समय से अल्पसंख्यक और दलित छात्रों को मिलने वाली फेलोशिप को नहीं दे रही है. सांपला केन्द्र की अपनी सरकार से पहले उन रिसर्च स्कॉलर्स को फेलोशिप दिलाएं .
उन्होंने कहा कि दरअसल बीजेपी और कांग्रेस दोनो दलित और गरीब विरोधी है. दोनो पार्टी को सिर्फ दलित वोट की चिन्ता है. उनका सारा ड्रामा सिर्फ दलितों का वोट लेने के लिए होता है. उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी छात्रवृति नहीं मिलने के कारण दलित छात्रों को हो रही परेशानी के मुद्दे को विधानसभा में उठाएगी.
हम कैप्टन सरकार के मंत्री धर्मसोत द्वारा किए गए पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप घपले को भी सदन में उठाएंगे और घपलेबाजों पर कार्रवाई की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर कैप्टन सरकार जल्द से जल्द दलित छात्रों की छात्रवृति जारी नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी पूरे राज्य में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी.