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महाराष्ट्र में पहली कक्षा के छात्र को पिटाई के आरोप में शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज, यूपी में भी बवाल

शिकायत के आधार पर, अध्यापिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से जानबूझकर चोट पहुंचाना) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत अपराध दर्ज किया गया है.

महाराष्ट्र के ठाणे शहर में पुलिस ने पहली कक्षा के एक छात्र को पीटने के आरोप में एक निजी स्कूल की अध्यापिका के खिलाफ मामला दर्ज किया है. शिक्षिका द्वारा कथित रूप से पीटे जाने के कारण छह वर्षीय छात्र के सिर पर चोट आई है. अधिकारी ने बताया कि यह कथित घटना सोमवार को हुई थी और कलवा के ‘न्यू इंग्लिश स्कूल विटावा’ की अध्यापिका के विरुद्ध शुक्रवार को मामला दर्ज किया गया. इसी तरह का मामला यूपी से भी है, जिसमें शिक्षक ने एक बच्चे को दूसरे बच्चे की पीटाई करने को कहा था. इस मामले में राजनीति तेज हो गयी है.

सिर पर सूजन और जमा खून देखने के बाद मामले की जानकारी मिली

कलवा पुलिस थाने के अधिकारी ने कहा, बच्चे की मां 21 अगस्त को उसे स्कूल से लाने के लिए गई थी. उस समय उसकी शिक्षिका ने मां से कहा था कि बच्चा सही से पढ़ाई नहीं कर रहा और अभिभावकों को ध्यान देना होगा कि उसका गृहकार्य पूरा हो. उन्होंने शिकायत के हवाले से बताया कि रात में भोजन करते समय छात्र की मां ने उसके सिर पर सूजन और जमा हुआ खून देखा. इस बारे में पूछे पर बच्चे ने बताया कि शिक्षिका ने उसे पीटा है.

बच्चे की हो रही अस्पताल में इलाज

अधिकारी ने बताया कि इसके तुरंत बाद छात्र की मां ने अध्यापिका से इस बारे में सवाल किया तो वह कोई उचित जवाब नहीं दे पाई. अधिकारी ने कहा, अभिभावकों ने अगले दिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि पहले भी अध्यापिका बच्चे को धक्का दे चुकी है. वे भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं चाहते इसलिए शिकायत दर्ज करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने बच्चे को कलवा के एक सरकारी अस्पताल भेजा जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया.

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आईपीसी की इस धारा के तहत शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज

शिकायत के आधार पर, अध्यापिका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से जानबूझकर चोट पहुंचाना) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत अपराध दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है और जांच जारी है.

मुजफ्फरनगर में अल्पसंख्यक छात्र को थप्पड़ मारने के लिए कहने वाली शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मंसूरपुर थाना क्षेत्र के एक निजी स्कूल में छात्रों से अल्पसंख्यक सहपाठी को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहने वाली शिक्षिका के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से जारी एक बयान में बताया गया है कि खुब्बापुर गांव स्थित स्कूल की शिक्षिका द्वारा एक छात्र के स्कूल का कार्य न करने पर उसे कक्षा के अन्य छात्रों से पिटवाने और उसके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने की घटना के संबंध में पीड़ित छात्र के परिजनों की तहरीर पर मंसूरपुर पुलिस द्वारा सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

शिक्षिका के खिलाफ मामला दर्ज

स्थानीय पुलिस मामले में अग्रिम विधिक कार्यवाही कर रही है. पुलिस ने बयान में यह स्‍पष्‍ट नहीं किया है कि शिक्षिका के खिलाफ किन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

बच्चे की पिटाई मामले में राजनीति तेज

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को मुजफ्फरनगर जिले की उस शिक्षिका को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की, जिसने अपने छात्रों को अल्पसंख्यक समुदाय के एक छात्र को कथित तौर पर थप्पड़ मारने के लिए कहा था. सोशल मीडिया पर प्रसारित घटना के कथित वीडियो को सपा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए यह मांग उठाई, जिसे पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पुन: पोस्‍ट किया. ‘एक्‍स’ पर सपा ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा, भाजपा और आरएसएस की नफरती राजनीति, देश को यहां ले आई! मुजफ्फरनगर में एक अध्यापिका अल्पसंख्यक समाज के बच्चे को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवा रही. मासूमों के मन में जहर घोलने वाली शिक्षिका को तुरंत बर्खास्त किया जाए. उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.

बीजेपी ने किया पलटवार

सपा प्रमुख के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने कहा, सपा प्रमुख का मुजफ्फरनगर के स्कूल की घटना को लेकर किया गया ट्वीट वोट की सतही राजनीति है और समाज में वैमनस्य पैदा करने का घृणित राजनीतिक एजेंडा है. श्रीवास्तव ने कहा, हम सभी विद्यार्थी पहाड़ा याद न करने, गणित के सवाल सही हल न करने या लिखावट अच्छी न होने के कारण स्कूल में शिक्षकों द्वारा दंडित किए जाते रहे हैं. यह छात्रों में अनुशासन लाने और उनकी प्रतिभा निखारने की सहज प्रक्रिया रही है. भाजापा प्रवक्ता ने कहा, पर अन्य विद्यार्थियों से दंडित कराना गलत है. पुलिस प्रशासन ने घटना को संज्ञान में लिया है और संबंधित शिक्षिका के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.

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