डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले बढ़े, महाराष्ट्र सरकार ने की प्रतिबंधों की वापसी, क्या देश में फिर से लगेगा लॉकडाउन?
देश में कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट खतरनाक होता जा रहा है, इसके मामले बढ़ने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने यह घोषणा की है कि पांच स्तरीय लॉकडाउन को तीन स्तरीय तक ही सीमित कर देगा, यानी महाराष्ट्र में कई प्रतिबंधों की वापसी हो सकती है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सरकार ने कहा कि राज्य में पाये गये डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
देश में कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट खतरनाक होता जा रहा है, इसके मामले बढ़ने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने यह घोषणा की है कि पांच स्तरीय लॉकडाउन को तीन स्तरीय तक ही सीमित कर देगा, यानी महाराष्ट्र में कई प्रतिबंधों की वापसी हो सकती है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सरकार ने कहा कि राज्य में पाये गये डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामलों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
वहीं आजतक ने यह महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के हवाले से यह जानकारी दी है कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट की वजह से एक और व्यक्ति की मौत हो गयी, इस मौत के साथ ही प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट से मरने वालों की संख्या दो हो गयी है. राजेश टोपे ने बताया कि अभी प्रदेश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 21 मामले हैं, लेकिन सावधानी बरतने के लिए यह निर्णय लिया गया है. सरकार लोगों को सावधान कर रही है और उनकी गतिविधि पर भी नजर रख रही है ताकि मामलों में वृद्धि ना हो.
महाराष्ट्र के साथ ही मध्यप्रदेश में भी डेल्टा वैरिएंट के मामले सामने आये हैं और यहां भी लोगों की मौत इस वैरिएंट से हुई है. आज भी वहां पांच लोगों के संक्रमित होने की खबर आयी है, हालांकि इनमें से तीन से वैक्सीन लिया हुआ है और इन्हें सांस की तकलीफ या आक्सीजन में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा है.
गौरतलब है कि पूरे देश में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर चिंता है. एक्सपर्ट यह आशंका जता रहे हैं कि यह वैरिएंट बहुत ही संक्रामक है और संभवत: इसपर वैक्सीन का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. हालांकि इस संबंध में अभी जानकारी कम है और कुछ समय बाद ही इसपर विस्तार और दावे के साथ कुछ कहा जा सकेगा.
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को अलर्ट किया है कि डेल्टा प्लस के कारण तीसरी लहर के आने की आशंका है. ऐसे में इसकी रोकथाम के उपायों पर जोर देने जरूरत है. इसके लिए केंद्र सरकार ने व्यापक स्तर पर कोरोना जांच करने, कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सघन और त्वरित कांटैक्ट ट्रेसिंग कर जांच करने एवं टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने को कहा है.
आईसीएमआर की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि देश में वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी 76 प्रतिशत लोग कोरोनावायरस के शिकार बने. हालांकि इनमें से दस प्रतिशत को ही अस्पताल में भरती होने की नौबत आयी. आईसीएमआर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि वैक्सीन लेने से मौत का खतरा 95 प्रतिशत तक कम होता है.
Posted By : Rajneesh Anand