पिछड़े लोगों की बेहतरी के लिए जाति आधारित जनगणना जरूरी, केंद्र बनाये कानून : असदुद्दीन ओवैसी
Caste based census, Central government, AIMIM, Asaduddin Owaisi : नयी दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जातिगत जनगणना का समर्थन करते हुए कानून बनाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने पिछड़े वर्ग का उप-वर्गीकरण करने की भी बात कही है.
नयी दिल्ली : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जातिगत जनगणना का समर्थन करते हुए कानून बनाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने पिछड़े वर्ग का उप-वर्गीकरण करने की भी बात कही है.
Implementation of caste census is important for the betterment of people from backward sections. A caste census should be introduced. Modi ji has parliamentary power, he should make law. Sub-categorisation of OBCs is also important: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/mMd7sqSKXp
— ANI (@ANI) August 23, 2021
मालूम हो कि आज सोमवार को बिहार का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. इस प्रतिनिधिमंडल में एआईएमआईएम के बिहार प्रमुख अख्तरुल इमान भी शामिल थे.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि ”पिछड़े वर्ग के लोगों की बेहतरी के लिए जाति जनगणना का क्रियान्वयन महत्वपूर्ण है. जाति जनगणना शुरू की जानी चाहिए. मोदी जी के पास संसदीय शक्ति है, उन्हें कानून बनाना चाहिए. ओबीसी का उप-वर्गीकरण भी महत्वपूर्ण है.”
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जातिगत जनगणना जरूरी है. हर तरह से जो पिछड़े हैं, उनका करने में गलत क्या है. सभी राजनीतिक पार्टियां कह रही हैं कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए. बिहार के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में 10 दलों के प्रतिनिधिमंडल ने देश में जाति आधारित जनगणना कराने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है.
मालूम हो कि जाति आधारित जनगणना का मुद्दा पूरे देश में छाया हुआ है. बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर घमसान मचा है. एनडीए के प्रमुख सहयोगी व सत्ताधारी दल जेडीयू के सुर भाजपा से अलग हैं. गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत जनगणना की पैरवी करते हुए प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की है.