Cauvery Water Dispute: कावेरी नदी को लेकर कर्नाटक में विवाद जारी है. पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ कर्नाटक में जोर शोर से विरोध प्रदर्शन चल रहा है. इसी कड़ी में लोगों ने आज यानी मंगलवार को बेंगलुरु बंद का आह्वान किया है. इसके बाद शुक्रवार को भी बंद का ऐलान किया गया है जो राज्यव्यापी होगा. राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक की याचिका पर सुनवाई के दौरान ठोस दलीलें पेश करने की बात कही साथ ही आश्वासन दिया कि वह अंतरराज्यीय नदी विवाद को लेकर जारी आंदोलन को नियंत्रित करने का प्रयास नहीं करेगी. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि वह जल शक्ति मंत्रालय को कावेरी बेसिन में सभी जलाशयों का अध्ययन करने के लिए एक बाह्य एजेंसी नियुक्त करने का निर्देश दें. उन्होंने ऐसी स्थितियों में सभी संबंधित राज्यों पर लागू होने वाला एक उचित फार्मूला तैयार करने की जरूरत पर बल दिया.
#WATCH | Karnataka: Bengaluru Bandh has been called by various organizations regarding the Cauvery water issue. According to BMTC, all routes of Bengaluru Metropolitan Transport Corporation will be operational as usual.
(Visuals from Majestic BMTC Bus stop, Bengaluru) pic.twitter.com/fSZSeLyKMh
— ANI (@ANI) September 26, 2023
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
वहीं, कावेरी जल मुद्दे को लेकर विभिन्न संगठनों की ओर से बुलाए गए बंद के कारण बेंगलुरु के मैजेस्टिक बस स्टेशन पर यात्रियों की कम संख्या देखी गई है. हालांकि जल मुद्दे को लेकर बंद को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. बेंगलुरु में विभिन्न संगठनों की ओर से बुलाये गये बंद को देखते हुए बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.
#WATCH | Karnataka: Security forces deployed in Bengaluru's Whitefield as a Bandh has been called by various organizations, in Bengaluru, regarding the Cauvery water issue pic.twitter.com/19mrBYboiW
— ANI (@ANI) September 26, 2023
पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में एक किसान संघ ने राज्य सरकार से मंगलवार को यहां होने वाले विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए केंद्र सरकार के माध्यम से उचित कदम उठाने का आग्रह किया है. सोमवार को कन्नड़ कार्यकर्ता वतल नागराज के नेतृत्व वाले कन्नड़ ओक्कुटा के बैनर तले 29 सितंबर को कर्नाटक बंद की घोषणा की गई. इससे कुछ दिन पहले किसान नेता कुरुबुरु शांता कुमार के नेतृत्व में किसान संघों और अन्य संगठनों के एक प्रमुख संगठन ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ ने मंगलवार को बेंगलुरु बंद का आह्वान किया था. दोनों बंद किसानों और कन्नड़ समर्थक संगठनों के बीच विभाजन को दर्शाते हैं, और अब इस बात को लेकर भी भ्रम पैदा हो गया है कि कौन किस दिन बंद का समर्थन कर रहा है, और क्या सेवाएं कल उपलब्ध होंगी.
बंद को कई संगठनों का मिला समर्थन
शांता कुमार ने कहा है कि वे मंगलवार को बेंगलुरु बंद का समर्थन करेंगे शुक्रवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान करने वाले वतल नागराज ने स्पष्ट किया कि कन्नड़ ओक्कुटा’ कल के बंद का समर्थन नहीं कर रहा. शांता कुमार ने कहा कि उन्हें कल के बंद के आह्वान के लिए कई संगठनों से समर्थन मिला है और वे इस पर आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा, हम बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को लेकर वहां धरना देंगे. राज्य सरकार, मुख्यमंत्री को हमारा ज्ञापन लेना होगा. अगर सरकार की ओर से हमारे विरोध प्रदर्शन पर कोई उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलती, तो हम आगे की कार्रवाई पर विचार करके कोई फैसला लेंगे.
29 सितंबर को बंद का आग्रह
शांतिपूर्ण बंद का आह्वान करते हुए उन्होंने पुलिस से यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने की भी अपील की कि कोई अप्रिय घटना न हो. वतल नागराज ने कहा कि उन्होंने ‘कर्नाटक जल संरक्षण समिति’ से अपने बंद के आह्वान को स्थगित करने और 29 सितंबर को उनके साथ मिलकर बंद में हिस्सा लेने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, “हमने 29 सितंबर को अखंड कर्नाटक बंद (संपूर्ण कर्नाटक बंद) का आह्वान किया है. यह पूरे राज्य में होगा. हमारी लड़ाई पूरे कर्नाटक के लिए है. कन्नड़ ओक्कुटा ने अब तक पूरे राज्य में 50 से ज्यादा बंद का आयोजन किया है. इस बीच, ‘ओला-उबर ड्राइवर्स एसोसिएशन’ ने आज कहा कि वे कन्नड़ समर्थक संगठनों द्वारा बुलाए गए 29 सितंबर के कर्नाटक बंद को पूरा समर्थन देंगे, लेकिन कल के बंद का समर्थन नहीं करेंगे.
भाषा इनपुट से साभार