खबर आ रही है कि कई गिरोह काफी विषैले मेथानॉल (Methanol) के प्रयोग से बने हैंड सेनिटाइजर (Hand sanitzer) बेच रहे हैं . जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई (CBI) ने इंटरपोल (Interpol) से मिली जानकारी के आधार पर देश भर में पुलिस और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को सतर्क किया है. इसके अलावा एक अन्य तरह का गिरोह भी काम कर रहा है जो खुद को पीपीई और कोरोना वायरस (Coronavirus) से जुड़े मेडिकल सामानों का सप्लायर बताता है.
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) ने पहली बार अलर्ट जारी कर कहा है कि देश में ऐसे सैनिटाइजर भी बिक रहे हैं जो खतरनाक विषैले हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौरान जहरीले हैंड सेनिटाइजर के इस्तेमाल के बारे में दूसरे देशों से भी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मेथानॉल काफी विषैला हो सकते हैं और मानव शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.’’
एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि कुछ अपराधी पीपीई किट और कोविड-19 से जुड़े उपकरणों के निर्माता के प्रतिनिधि बनकर अस्पतालों और स्वास्थ्य अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं. इस तरह के सामान की कमी का लाभ उठाते हुए वे अधिकारियों और अस्पतालों से ऑनलाइन अग्रिम भुगतान हासिल कर लेते हैं लेकिन पैसे लेने के बाद वे सामान की आपर्ति नहीं करते हैं.
आपको बता दें कि इंटरपोल दुनिया भर के एजेंसियों का एक समूह है जो कि दुनियाभर में हो रहे अपराधों पर कार्रवाई करती है साथ ही दूसरे देशों की मदद भी करती है. इसका मुख्यालय ल्योन (फ्रांस) में है. इससे डील करने की अनुमति भारत में सीबीआई के पास है.
ये है सही सैनिटाइजर का इस्तेमाल
अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है तो सही हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर हाथ साफ किए जा सकते हैं। इसके लिए हैंड सैनिटाइजर में कम से कम 60 फीसदी अल्कोहल की मात्रा होना चाहिए. ऐसा सैनिटाइजर बीमार होने से रोकने और कीटाणुओं को फैलने से रोकने में कारगर होता है. अल्कोहलयुक्त सैनिटाइजर किसी परिस्थिति में तेजी से हाथों में माइक्रोब्स की संख्या कम कर देता है, लेकिन सैनिटाइजर सभी तरह के कीटाणुओं का सफाया नहीं करता है। जिन सैनिटाइजर में अल्कोहल कॉन्सेन्ट्रेशन 60-95 प्रतिशत है वे कीटाणुओं को मारने में ज्यादा प्रभावी होते हैं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.