पश्चिम बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद हुई हिंसा की जांच सीबीआई ने तेज कर दी है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने पहले हिंसा मामलों की जांच के लिए 64 अधिकारियों की नियुक्ति की थी. अब, इस संख्या को बढ़ाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बंगाल हिंसा की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने टीम में 109 अधिकारियों को शामिल किया है. इन्हें ‘स्पेशल 109’ भी कहा जा रहा है. बंगाल चुनाव के नतीजों के बाद हिंसा की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को करने के आदेश दिए थे. इसके बाद सीबीआई लगातार हिंसा के मामलों की जांच में जुटी है.
हिंसा की जांच के लिए बनाई गई टीम के 84 जांच अधिकारियों में आईओ, इंस्पेक्टर, डीएसपी रैंक के अधिकारी हैं. 25 अधिकारी संयुक्त निदेशक, डीआईजी, एसपी रैंक के हैं. हिंसा की जांच के लिए राज्य को चार जोन में बांटा गया है. प्रत्येक जोन टीम में 21 जांच अधिकारी या आईओ रखे गए हैं. इसके पहले चार संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी पहुंच चुके हैं.
हिंसा की जांच के लिए टीम का गठन
ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि हिंसा से जुड़े मामलों की जानकारी सीबीआई कार्यालय में आ रही है. सभी जिलों के एसपी हिंसा से जुड़ी रिपोर्ट सीबीआई को भेज रहे हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सांवैधानिक पीठ की देखरेख में सीबीआई हत्या, रेप और दुष्कर्म की कोशिशों से जुड़े मामलों की जांच कर रही है. इसके लिए 109 लोगों की टीम का सीबीआई ने गठन किया है.
बताते चलें कि कुछ दिनों पहले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुई हिंसा पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. आदेश के बाद सीबीआई ने हिंसा की जांच शुरू कर दी है. इसी सिलसिले में सीबीआई टीम अभिजीत सरकार के परिवार वालों से पूछताछ भी कर चुकी है. बंगाल चुनाव नतीजों के बाद हिंसा की जांच सीबीआई टीम बनाकर कर रही है. हिंसा के मामले पर टीएमसी और बीजेपी भी आमने-सामने हैं. सीएम ममता बनर्जी हिंसा के आरोपों को खारिज कर रही हैं. दूसरी तरफ बीजेपी बंगाल के अध्यक्ष दिलीप घोष का आरोप है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने 180 बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की हत्या की है.