अनिल देशमुख भ्रष्टाचार मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची CBI, महाराष्ट्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का लगाया आरोप
Anil Deshmukh Corruption case, CBI, Bombay high court : मुंबई : सीबीआई ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है. मालूम हो कि महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई कर रही है.
मुंबई : सीबीआई ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करते हुए महाराष्ट्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया है. मालूम हो कि महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच सीबीआई कर रही है. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई की तिथि 11 अगस्त तय कर दी.
CBI approaches Bombay HC & says that Maharashtra govt is not co-operating with CBI team investigating the Anil Deshmukh case despite clear orders from HC. CBI through ASG alleges in the court that instead of co-operating, a Mumbai ACP is threatening CBI officer probing this case pic.twitter.com/vIMFmWfNKa
— ANI (@ANI) August 5, 2021
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट से संपर्क कर कहा है कि उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद महाराष्ट्र सरकार अनिल देशमुख मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम के साथ सहयोग नहीं कर रही है.
साथ ही सीबीआई ने एएसजी के माध्यम से अदालत में आरोप लगाया कि मुंबई एसीपी सहयोग करने के बजाय मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी को धमका रहे हैं. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले को 11 अगस्त को सुनवाई के लिए पोस्ट किया है.
सीबीआई ने अदालत से पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार पर दस्तावेज साझा नहीं करने का आरोप लगाया है. इसके बाद जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एनजे जमादार की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया.
मालूम हो कि महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 22 जुलाई के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कहते हुए दस्तावेजों को साझा करने से इनकार कर दिया है. गौरतलब हो कि हाईकोर्ट ने 22 जुलाई को सीबीआई की प्राथमिकी के कुछ हिस्सों को रद्द करने से इनकार कर दिया था.
मालूम हो कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप लगाये हैं. मामले के तूल पकड़ने के बाद अनिल देशमुख को अपने पद से त्यागपत्र भी देना पड़ा है.