नयी दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (CBSE) 15 अगस्त से 15 सितंबर तक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिये गये अंकों से संतुष्ट नहीं होने वाले छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करेगा. तिथियां अस्थायी हैं और देश भर में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करेगी. सीबीएसई ने आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर एक हलफनामें में यह बात कही. सीएनएन-न्यूज 18 की खबर के मुताबिक, ये परीक्षा के देश के सभी राज्यों में आयोजित की जायेगी.
सुप्रीम कोर्ट उन छात्रों के लिए कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द करने के मामले की सुनवाई कर रहा था, जो कंपार्टमेंटल परीक्षा, एनआईओएस और रिपीटर्स के लिए उपस्थित होंगे. इसके अलावा, यह भी निर्णय लिया गया कि नियमित मोड में छात्रों को एक अवसर प्रदान किया जायेगा जो मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं हैं और लिखित परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं. जो छात्र परीक्षा में शामिल होंगे, उनके उस परीक्षा के अंक को ही अंतिम माना जायेगा.
जो लोग लिखित परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें पहले ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा. इस संबंध में सुविधा सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट – cbse.nic.in पर ऑनलाइन दी जायेगी. सीबीएसई ने पहले ही स्कूलों से परिणाम तैयार करने के लिए गणना प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. बोर्ड ने प्रत्येक स्कूल से स्कूल के प्रिंसिपल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय परिणाम समिति गठित करने को कहा है.
यह समिति आईटी टीमों की मदद से परिणाम तैयार करेगी और अपलोड करेगी. अंक अपलोड करने के लिए एक पोर्टल आज 21 जून को सक्रिय हो जायेगा. परिणाम 31 जुलाई तक जारी होंगे. सीबीएसई ने कक्षा 12 के छात्रों के मूल्यांकन के लिए विस्तृत मूल्यांकन योजना पहले ही जारी कर दी है. मूल्यांकन के लिए, बोर्ड 12 वीं की परीक्षाओं को अधिकतम वेटेज देगा जिसमें प्री-बोर्ड, यूनिट टेस्ट या मिड-टर्म शामिल हैं.
इसमें 80 अंक होंगे और यह केवल सिद्धांत मूल्यांकन के लिए मानदंड होगा. प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए बोर्ड ने 20 अंक आवंटित किये हैं. जिन विषयों में थ्योरी 70 अंकों के लिए है, उनमें प्रैक्टिकल अंकों के लिए तदनुसार परिवर्तन किया जायेगा. इस साल कोई मेरिट लिस्ट जारी नहीं की जायेगी. बोर्ड के परिणाम की गणना के संबंध में विवादों के मामले में बोर्ड द्वारा बनायी जाने वाली एक समिति निर्णय लेगी.
Posted By: Amlesh Nandan.