केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं कोरोना संक्रमण खतरों को देखते हुए रद्द कर दी गई थीं. अब छात्रों को कैसे प्रमोट किया जाये उसे लेकर चर्चा तेज हो गयी है. सीबीएसई जल्द ही छात्रों का परीक्षा में नंबर तय करने की प्रक्रिया का ऐलान करेगी. इस संबंध में पैनल ने दो दिनों का समय मांगा था. संभव है कि इस संबंद में जल्द ही जानकारी सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट आ जाये.
सीबीएसई के 12 वीं के छात्रों का परीक्षा में नंबर कैसे आयेगा ? इस सवाल के जवाब में कई फार्मूलों की चर्चा है जिसके तहत नंबर दिया जा सकता है . इस पूरे मामले को लेकर टाइम्स नाऊ ने एक पोल किया जिसमें लोगों से पूछा कि क्या बेहतर हो सकता है.
पोल में सबसे ज्यादा 32 फीसद लोगों का मानना है कि सिर्फ 12 वीं के आधार पर छात्रों का मुल्यांकन होना चाहिए जबकि 30 फीसद लोगों को मत है कि दसवीं का नंबर 20 फीसद जोड़ा जाना चाहिए इसके बाद आंकलन होना चाहिए. 25 फीसद लोग 10 वीं और 11 वीं के नंबर को जोड़ने के पक्ष में हैं. 10 फीसद लोग सिर्फ ग्रेड देने के पक्ष में है.
इस मुद्दे पर भी लोग बटे हुए हैं कि 10 वीं के नंबर के आधार पर 12 वीं का नंबर देना चाहिए. कुछ का मानना है कि स्कूल में प्रदर्शन के आधार पर बच्चों को नंबर देना सही नहीं है. दूसरी तरफ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सलाह देते हुए कहा है कि दसवीं और 11 वीं के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए ही परिणाम जारी करना चाहिए.
इस पूरे मामले पर अगले कुछ घंटों में फैसला आ जायेगा . यह भी पता चल जायेगा कि 12 वीं के छात्रों के परीक्षा मुल्याकंन के लिए क्या विधी होगी. सूत्रों के अनुसार समिति के ज्यादातर सदस्य कक्षा 10 और 11 में प्राप्त अंकों को महत्व देने और 12वीं के प्री बोर्ड तथा आंतरिक परीक्षाओं को आधार बनाने के पक्ष में हैं.