नयी दिल्ली : विदेशों में सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) के 12वी के लंबित बोर्ड एग्जाम का मानव विकास मंत्रालय आकलन कर रही है. एचआरडी मंत्रालय राजदूतों और विदेशी शिक्षा मंत्रियों से इसपर विचार-विमर्श कर रही है कि 12वीं की बची हुई परीक्षाएं ली जाएं या नहीं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय जहां परीक्षाएं करवाने की व्यावहारिक स्थिति में नहीं है, उन जगहों पर परीक्षा कैसे लिया जाये इसके तौर- तरीकों पर योजना बना रही है.
बता दें कि पिछले महीने कोरोनावायरस महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने घोषणा की थी कि वो विदेशों में 10वीं और 12वीं कक्षाओं की लंबित परीक्षाएं नहीं लेगा. उसके बाद विदेशी विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने के इच्छुक बच्चें अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं और उन्होंने इस मसले को लेकर मैसेजे कर सवाल पूछे हैं.
मानव विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि विदेशों में हर जगह स्थिति अलग है, जिसके मद्देनजर सभी के लिए कोई एक सामान्य हल संभव नहीं है. जिन देशों में स्थिति सामान्य होती है कम से कम हम वहां परीक्षाएं करवाने की कोशिश करेंगे. बता दें, 25 देशों के 210 स्कूल सीबीएसई से जुड़े हैं. विदेशों में इस साल 23,844 स्टूडेंट्स 10 वी में और वहीं 16,103 स्टूडेंट्स 12 वी के लिए रजिस्टर्ड हैं.
29 विषयों की होगी परीक्षा– बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों के साथ बातचीत के बाद 29 अप्रैल को बताया था कि बोर्ड एग्जाम के 81 बचे विषयों में से सिर्फ 29 विषयों की परीक्षा ली जायेगी. अन्य विषयों में इंटर्नल के आधार पर पास कर दिया जायेगा.
कॉपी जांच का दिया था आदेश- 29 अप्रैल को ही बैठक के बाद मानव संसाधन मंत्री ने राज्यों से कहा था कि सभी राज्य कॉपी चेक करने की प्रक्रिया शुरू करें. उन्होंने कहा था कि राज्य अपने यहां कॉपी चेक करने के कुछ नियम बनाये, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो. ज्ञात हो कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा चल रही थी, जिसके बाद लॉकडाउन के कारण इसे बीच में ही रोकना पड़ा था.