कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को अगले साल 10वीं और 12वीं की परीक्षा में बैठने के लिए किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन फीस या एग्जाम फीस नहीं देना पड़ेगा. यह घोषणा सीबीएसई द्वारा की गयी है.
सीबीएसई के एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने मीडिया के सामने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण कई बच्चों ने अपने माता- पिता को खो दिया है, इसकी वजह से उन्हें प्रतिकूल समय देखना पड़ रहा है.
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यही वजह है कि सीबीएसई ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए ऐसे बच्चों से जिन्होंने अपने माता-पिता या अभिभावक को खो दिया है उनसे रजिस्ट्रेशन फीस और एग्जामिनेशन फीस नहीं लिया जायेगा. संयम भारद्वाज ने बताया कि बच्चों के बारे में स्कूल सूची प्रस्तुत करेंगे और उनके सत्यापन की जिम्मेदारी भी स्कूल की ही होगी.
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने सुप्रीम कोर्ट में एक आंकड़ा जमा किया था, जिसके अनुसार जून 2021 तक देश में 1742 बच्चे अनाथ हो गये, जबकि 7464 बच्चे ऐेसे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता में से किसी एक को खोया है, वहीं 140 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें अकेला छोड़ दिया गया.
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भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने मौत का कहर बरपाया था. आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर के दौरान ढाई लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई. यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों ने डरावनी तस्वीर प्रस्तुत की और लाखों लोगों ने अपनों को खो दिया.
Posted By : Rajneesh Anand