Chief of Defence Staff जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का अंतिम संस्कार आज दिल्ली छावनी स्थित बरार स्क्वायर श्मशान घाट में हुआ. जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनकी बेटियों कृतिका और तारिणी ने दी.
जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अंतिम संस्कार की पूरी विधि दोनों बेटियों ने साथ मिलकर की. दुख की इस घड़ी में दोनों बेटियां काफी संयमित दिखी और अपने परिजनों को संभालती नजर आयीं. दोनों के चेहरे पर दुख से ज्यादा गर्व के भाव नजर आ रहे थे.
सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ किया गया. सेना के बैंड की धुन के साथ उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गयी. जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर के लिए एक ही चिता सजायी गयी थी और दोनों का अंतिम संस्कार साथ ही हुआ.
जनरल रावत के अंतिम संस्कार में लगभग 800 सैन्यकर्मियों के साथ, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री किरेन रिजिजू, भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन और भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस भी शामिल हुए.
इससे पहले, सीडीएस जनरल रावत की अंतिम यात्रा निकाली गयी जिसमें लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों के हुजूम ने भारत माता की जय और वंदे मातरम का नारा लगाया.
आज सुबह ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर का अंतिम संस्कार किया गया था. उन्हें भी मुखाग्नि उनकी बेटी आशना लिड्डर ने दी. अंतिम संस्कार के बाद उसने कहा- मेरे पिता मेरे साथ 17 साल तक रहे मैं उनकी अच्छी यादों को संजोकर रखूंगी. मेरे पिता मेरे हीरो थे, मेरे सबसे अच्छे दोस्त थे.
गौरतलब है कि आठ दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. इस हादसे में देश के पहले सीडीएस, उनकी पत्नी और सेना के 11 अधिकारियों की मौत हो गयी थी. दुर्घटना में एक अधिकारी ही मात्र जीवित बचा, जिनका अभी अस्पताल में इलाज चल रहा है.