गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव में धांधली को लेकर विपक्ष जो आरोप लगा रहा है वह गलत है. उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा में देरी इसलिए नहीं हुई है कि वहां अनियमितता की जायेगी, बल्कि मोरबी दुर्घटना की वजह से चुनाव तिथि की घोषणा में देरी हुई है.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव का नतीजा ईवीएम और चुनाव आयोग की निष्पक्षता का प्रमाण है. राजीव कुमार ने कहा कि गुजरात चुनाव की घोषणा में कोई देरी नहीं हुई है क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल फरवरी तक है और चुनाव एवं मतगणना 8 दिसंबर तक पूरी हो जायेगी.
राजीव कुमार ने विपक्ष द्वारा लगाये गये आरोपों पर कहा कि कार्रवाई और परिणाम शब्दों से कहीं अधिक जोर से बोलते हैं. इसलिए अगर कोई राजनीतिक दल यह आरोप लगाता है कि चुनाव परिणाम सही नहीं हैं, तो यह लोकतंत्र और जनता का अपमान है.
राजीव कुमार ने कहा कि कई पार्टियां चुनाव में अनियमितता का आरोप लगाते हुए हमें लंबे- चौड़े पत्र लिखती है, लेकिन जब उनके उम्मीदवार चुनाव जीत जाते हैं, तो उनकी शिकायत रूक जाती है और वे भूल जाते हैं कि हमने क्या आरोप लगाये थे. इसलिए मैं यह कह रहा हूं कि आरोपों के शब्द से ज्यादा कार्रवाई और चुनाव परिणाम बोलते हैं, इसलिए उनपर ध्यान दें.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यह कोई नयी बात नहीं है. ऐसे आरोप हमेशा से लगते रहे हैं. चुनाव आयोग जैसी संस्था का गठन आज नहीं हुआ है, यह हमारी गौरवशाली विरासत है. एक क्रिकेट मैच में भी दोनों टीमें अंपायर के फैसले पर सवाल उठाती हैं और उसे दोषी ठहराती हैं. हमारे पास कोई थर्ड अंपायर नहीं है जिससे हम फैसले की जांच करा लें, लेकिन परिणाम चुनाव आयोग की निष्पक्षता को साबित करता है और आगे भी करेगा.
गौरतलब है कि पिछले महीने चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश चुनाव की तिथियों की घोषणा की थी. हिमाचल में 12 नवंबर को मतदान होना है और मतगणना 8 दिसंबर को होगी. उस वक्त यह जानकारी सामने आयी थी कि दिवाली के बाद गुजरात चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जायेगा. हालांकि हिमाचल प्रदेश चुनाव के साथ गुजरात चुनाव की घोषणा नहीं हुई इसलिए विपक्ष चुनाव में देरी और निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रहा है.