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लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो में जश्न, अब चंदा मामा दूर नहीं टूर के हैं

लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग का पहला चरण करीब 11 मिनट का था. इसके बाद इसके दूसरे चरण की शुरुआत 5.56 बजे हुई. इस दौरान होरिजेंटल वेलोसिटी को कम करके वर्टिकल वेलोसिटी को बढ़ा दिया गया. इसका तीसरा चरण 5.59 बजे शाम को पूरा हो गया और फिर इसके पांच मिनट से कुछ पहले ही लैंडर विक्रम सॉफ्ट लैंडिंग कर गया.

नई दिल्ली : भारत के चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर का चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद इसरो के कार्यालय में जश्न का माहौल है. बुधवार की शाम को लैंडर विक्रम निर्धारित समय 6.4 बजे से पहले ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कर गया. इसकी लैंडिंग को चार चरण में बांटा गया था. पहले चरण के दौरान इसके होरिजेंटल गति को कम किया गया. इसका पहला चरण करीब 11 मिनट का था. इसके बाद इसके दूसरे चरण की शुरुआत 5.56 बजे हुई. इस दौरान होरिजेंटल वेलोसिटी को कम करके वर्टिकल वेलोसिटी को बढ़ा दिया गया. इसका तीसरा चरण 5.59 बजे शाम को पूरा हो गया और फिर इसके बाद 6.4 मिनट पर लैंडर विक्रम चांद की दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर गया.

भारत चांद पर है : इसरो प्रमुख

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर लैंडर विक्रम के सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि हमने चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में सफलता हासिल कर ली है. उन्होंने कहा कि भारत चांद पर है.

दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला पहला देश बना भारत

इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस एलएम की सॉफ्ट लैंडिग कराने में सफलता हासिल की. भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ. इसके साथ ही, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग करने वाले चार देशों में शामिल हो गया है.

लैंडर मॉड्यूल चांद की सतह को चूमकर रची नई इबारत

इसरो के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-3’ के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) ने बुधवार शाम चंद्रमा की सतह को चूम कर अंतरिक्ष विज्ञान में सफलता की एक नई इबारत रची. वैज्ञानिकों के अनुसार, इस अभियान के अंतिम चरण में सारी प्रक्रियाएं पूर्व निर्धारित योजनाओं के अनुरूप ठीक से चली. यह एक ऐसी सफलता है जिसे न केवल इसरो के शीर्ष वैज्ञानिक बल्कि भारत का हर आम और खास आदमी टीवी की स्क्रीन पर टकटकी बांधे देख रहा था.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने दी वैज्ञानिकों को बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैंडर विक्रम के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी. इस अवसर पर कहा कि जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं, तो जीवन धन्य हो जाता है. ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्रीय जीवन की चिरंजीव चेतना बन जाती है. उन्होंने कहा कि यह पल अविस्मरणीय है, यह क्षण अभूतपूर्व है, यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है. यह क्षण नए भारत के जयघोष का है. यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है. यह क्षण जीत के चंद्र पथ पर चलने का है. यह क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सार्म्थय का है. यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है.

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