Coronavirus : केंद्र ने न्यायालय से लगाई गुहार, तथ्यों की पुष्टि किए बिना Covid-19 पर खबर न छापे मीडिया
केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तंत्र से कोरोना वायरस पर तथ्यों की पुष्टि किए बिना कोई भी मीडिया प्रतिष्ठान किसी खबर का प्रकाशन अथवा प्रसारण न करे
नयी दिल्ली : केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से मंगलवार को यह निर्देश दिए जाने का आग्रह किया कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए तंत्र से कोरोना वायरस पर तथ्यों की पुष्टि किए बिना कोई भी मीडिया प्रतिष्ठान किसी खबर का प्रकाशन अथवा प्रसारण न करे. इसने कहा कि अभूतपूर्व तरह की स्थिति में जानबूझकर या अनजाने में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया या वेब पोर्टलों पर किसी फर्जी या गलत खबर के प्रकाशन अथवा प्रसारण से समाज के एक बड़े तबके में गंभीर और अपरिहार्य रूप से दहशत फैलने जैसे हालात पैदा हो सकते हैं.
सरकार ने कहा कि संक्रामक रोग की प्रकृति को देखते हुए इस तरह की रिपोर्टिंग के आधार पर समाज के किसी तबके में दहशत भरी प्रतिक्रिया न सिर्फ स्थिति के लिए खतरनाक होगी, बल्कि इससे समूचे राष्ट्र को नुकसान पहुंचेगा. केंद्र ने कहा कि यद्यपि दहशत पैदा करने का कृत्य आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत एक आपराधिक कृत्य है, शीर्ष अदालत से उचित दिशा-निर्देश झूठी खबर से देश को किसी संभावित और अपरिहार्य परिणाम से बचाएगा. हलफनामे में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई और सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को भारत सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया। मजदूरों का पलायन रोकने के मुद्दे पर केंद्र ने कहा कि इसने आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत निर्देश जारी किए हैं और एक 24X7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है.