Loading election data...

सुशील मोदी के सवाल पर केंद्र ने कहा, जीएम सरसों पर्यावरण के अनुकूल और अधिक उपज देने में सक्षम

राज्यसभा में भाजपा सांसद सुशील मोदी द्वारा जीएम सरसों से पर्यावरण पर पड़ने पर असर संबंधी सवाल के जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जीएम फसलों के परीक्षण के लिए तय दिशा निर्देश के अनुसार मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों का तीन वर्ष तक परीक्षण किया गया.

By KumarVishwat Sen | December 8, 2022 6:34 PM

नई दिल्ली/ ब्यूरो : कुछ महीने पहले सरकार ने जीएम सरसों के ट्रायल फील्ड को मंजूरी दी है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है. सर्वोच्च अदालत में सरकार ने कहा है कि खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनने के लिए सरसों का उत्पादन बढ़ाना जरूरी है. अब सरकार ने राज्यसभा में जीएम सरसों के पक्ष में तर्क देते हुए कहा है कि जीएम सरसों डीएम-11 के तीन साल तक किए गए परीक्षण मौजूदा सरसों बीज के मुकाबले लगभग 30 फीसदी अधिक उत्पादन होने का प्रमाण मिला है.

राज्यसभा में भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी द्वारा जीएम सरसों से पर्यावरण पर पड़ने पर असर संबंधी सवाल के जवाब में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जीएम फसलों के परीक्षण के लिए तय दिशा निर्देश के अनुसार मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों का तीन वर्ष तक परीक्षण किया गया. इसमें विषाक्तता, एलर्जी और अन्य नमूनों का परीक्षण करने के बाद पाया गया कि डीएम-11 खेती, भोजन और पशुओं के चारे के लिए पूरी तरह सुरक्षित है.

Also Read: धनकटनी के साथ गुमला के किसानों ने रबी फसलों की खेती की शुरू, सरसों की पैदावार बढ़ने की उम्मीद

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह खबरें भ्रामक है कि जीएम-सरसों के फसल से मधुमक्खी पालन पर असर पड़ेगा क्योंकि ऐसी फसलों में परागकण नहीं होते हैं. परीक्षण के दौरान मधुमक्खियों के लिए भी जीएम-सरसों पूरी तरह सुरक्षित पाया गया है. क्योंकि जीएम-कपास के कारण शहद उत्पादन में भी कोई कमी नहीं आयी है.

Next Article

Exit mobile version